राजनांदगांव 24 मई 2021- कोरोना संक्रमण रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन से रोज कमाकर खाने वालों के सामने दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना मुश्किल हो रहा है। खासकर रिक्शा चलाने और दिहाड़ी मजदूर की स्थिति लॉकडाउन के दौरान गंभीर हो गई है, उनके सामने पेट पालने का संकट है।
नगर के छोटे व्यवसाय एवं मजदूर वर्ग को सम्मान पूर्वक जीने का अधिकार के संबंध में भाजपा शहर उपाध्यक्ष नागेश यदु ने जिलाधीश महोदय के नाम ADM सीएल मारकंडे को ज्ञापन सौंपा है । आंखों में पट्टी बांधकर शासन प्रशासन से किये मांग लॉकडाउन से पीड़ित वर्ग के दुख दर्द को भी देखे मुख्यमंत्री , कलेक्टर साहब।
उन्होंने अपने ज्ञापन में कहा की वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से बचाव के लिए राज्य सरकार व जिला प्रशासन ने 10 अप्रैल से 31 मई तक लगातार लॉकडाउन किया गया ।
आपके इस निर्णय से यकीनन कोरोना के बढ़ते संक्रमण में कमी आयी है पर लगातार शासन प्रशासन ने 50 दिन का लॉकडाउन लगाया गया इससे छोटे व्यवसायी और मजदूर वर्ग को एक एक अनाज के दाने और एक एक पैसे के लिए मोहताज हो गए है , जिले में कई ऐसे वर्ग है जो लगातर लॉकडाउन से पीड़ित है जो अपने परिवार के पेट भरने के लिए आपराधिक और अनैतिक कार्यों से जुड़ गए है , तो कही छोटे छोटे व्यवसायी डरे सहमे चोरी छिपे अपना व्यवसाय कर रहे है। उनका ईमानदारी मेहनत का कार्य भी उन्हें अपराधी होने का अहसास करा रहा है ।
नागेश यदु ने ज्ञापन के माध्यम से निवेदन करते हुए कहा कि छोटे व्यवसायी व मजदूर वर्ग को सम्मानपूर्वक जीवन यापन करने
की अनुमति दे या फिर शासन प्रशासन इन पीड़ित वर्गों के राशन और मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करे । इस मौके पर भाजपा शहर उपाध्यक्ष नागेश यदु, प्रदेश सह प्रमुख लोकेश बारापात्रे, प्रदेश उपाध्यक्ष माधव साहू, शहर अध्यक्ष नरेन्द्र यादव, फनींद्र साहू उपस्थित रहे।
कोरोना के कारण किए गए लॉक डाउन का असर अब छोटे व्यापार एवं रोज कमाने खाने वालों पर अधिक पड़ रहा है। इस वर्ग के लोगों के लिए लॉक डाउन का समय चुनौती भरा साबित हो रहा है। एक तरफ जहां काम बंद होने से इनकी कमाई रुक गई है। वहीं दूसरी ओर महामारी के समय आमदनी नहीं होने के बाद भी लगातार खर्च के चलते वर्षों से जमा की गई पूंजी भी खत्म होने लगी है। जिसके बाद अब उन्होंने प्रशासन और सरकार से मदद की गुहार लगाई है।
पान ठेले पर मंडरा रहा वित्तीय संकट
राजनांदगांव नगर में पान ठेला का संचालन करने वाले हजारो हैं, उन्हीं में से एक चिखली स्थित रविशंकर ठाकुर ने बताया कि इस महामारी से उसके धंधे पर भी काफी असर पड़ा है। करीब दो माह से दुकान बंद के होने से वित्तीय संकट खड़े होने लगा है। प्रशासन द्वारा राशन तो जरूर दिया गया है, लेकिन उसके अलावा हो रहे खर्च से अब उनके सामने पैसे की तंगी होने लगी है।
गुपचुप वाले भी परेशान
नगर में गुपचुप ठेला लगाने वाले रामचंद्र वर्मा ने बताया कि लॉक डाउन की वजह से दो माह से उसने कोई भी कमाई नहीं की है, जबकि उससे पहले ठेला लगाकर जमा की गई पूंजी भी अब खत्म होने लगी है। यदि जल्द ही व्यापार फिर से शुरू करने की अनुमति नहीं दी गई तो उसके सामने परिवार के पेट भरने की समस्या खड़ी हो जाएगी।
चर्मकार भी मुसीबत में
दूसरों के टूटे जूते-चप्पल को सुधार कर अपना घर चलाने वाले मनप्रीत और सतीश ने बताया कि लॉक डाउन से उन्हें भी काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है। एक तो वैसे ही उनके काम से सामान्य दिनों में घर चलाना मुश्किल होता है और ऐसे में लॉक डाउन की वजह से दुकान बंद होने से उनकी वित्तीय हालत बेहद खराब हो गई है। उन्होंने प्रदेश सरकार से इस मुश्किल वक्त में मदद की गुहार लगाई है।
सैलून का व्यवसाय भी प्रभावित
नगर में सैलून का संचालन करने वाले मोनू ठाकुर ने बताया कि लॉक डाउन के कारण उनकी दुकान भी एक-दो माह से बंद पड़ी है। दुकान बंद होने से उसके आय का श्रोत बंद हो गया है, जबकि खर्च हर माह के जैसे ही हो रहा है। ऐसे में जल्द ही दुकान शुरू नहीं की गई तो उसके जैसे दर्जनों सैलून वालों पर भारी संकट आ जाएगा।