ऑपरेशन थियेटर का अनुभव सुरंग में प्रवेश कर सभी के सुरक्षित निकलने की तरह रहा – गायनेकोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. मीना आर्मो
डॉक्टर एवं स्टॉफ ने मानव सेवा की मिसाल प्रस्तुत की
राजनांदगांव – कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान बसंतपुर स्थित 100 बिस्तर मातृ शिशु अस्पताल के प्रसूति वार्ड में डॉक्टर की टीम ने कोविड-19 पीडि़त 117 मरीज महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराया गया। डॉक्टर एवं स्टॉफ ने मानव सेवा की मिसाल प्रस्तुत की। अस्पताल में 91 कोविड-19 मरीजों का नार्मल डिलिवरी तथा 26 कोविड सिजेरियन डिलिवरी कराया गया। कोरोना से जंग जीतकर माता का सुरक्षित प्रसव कराने के लिए प्रसूति वार्ड की विभागाध्यक्ष एवं उनकी टीम ने सफलतापूर्वक पूरा किया। गायनेकोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. मीना आर्मो एवं उनकी टीम ने इस दौरान तत्परतापूर्वक कार्य किया।
गायनेकोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. मीना आर्मो कोविड-19 पीडि़त महिला मरीज की डिलीवरी करना काफी चुनौतीपूर्ण रहा। जब हम प्रसव के लिए कक्ष में प्रवेश करते तो ऐसा महसूस होता जैसे हम किसी सुरंग में प्रवेश कर रहे हैं और हम सभी को सुरक्षित निकलना है। मानवता के नाते अपनी जिम्मेदारी निभाने की खुशी और एहसास है। डीन शासकीय मेडिकल कॉलेज डॉ. रेणुका गहीने एवं पूर्व अधीक्षक डॉ. प्रदीप बेक का पूरा सहयोग मिला। टीम के सभी सदस्यों ने मनोयोग से अपनी ड्यूटी निभाई।
निश्चेतना विभाग की प्रमुख डॉ. दुर्गा कोसम ने बताया कि सिजेरियन ऑपरेशन में सबसे अधिक दिक्कत ईटी ट्यूब पूर्ण बेहोशी के लिए देने पर होती थी। इसमें बेहोशी के लिए दवा मुंह से देना होता था, जो चुनौतीपूर्ण था। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉ. विमल खुंटे, सीनियर रेसिडेंट डॉ. संचिता उइके, डॉ. मीनल गांधी, डॉ. भावना प्रेमचंद, जुनियर रेसिडेंट डॉ. प्रज्ञा अग्रवाल, डॉ. विभुति नायक, डॉ. एकता ठाकुर, डॉ. दिक्षा, निश्चेतना विभाग के डॉ. ज्योत्सना, डॉ. अमिताभ साहू, डॉ. विनय मालेश्वर, डॉ. स्मृति तथा वार्ड इंचार्ज सिस्टर विद्या सावलकर, किरण देवांगन, स्टॉफ नर्स प्रजवलिका कश्यप, पुष्पादेवी सार्वा, भूमिका टिकरीया, लक्ष्मी निधि, सविता जामुलकर, राधिका ठाकुर, अपर्णा प्येलकर, निशा मिंज, निष्ठा, कौशल साहू, निधि वर्मा एवं अन्य स्टॉफ उपस्थित थे।