रायपुर : फाइलेरिया उन्मूलन और कृमि मुक्ति के लिए ,19 जुलाई से विशेष अभियान….

रायपुर 16 जुलाई 2021/राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत लिम्फेटिक फाइलेरिया उन्मूलन और कृमि मुक्ति दिवस के लिए 19 जुलाई से 24 जुलाई तक विशेष अभियान चलाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि रायपुर जिले में आरंग, अभनपुर, नायापारा तथा रायपुर शहर की पुरानी बस्ती खपराभट्ठी क्षेत्र फाइलेरिया रोग के लिए संवेदनशील क्षेत्र में आते है।

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जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री मयंक चतुर्वेदी ने गत् दिवस रेडक्रास सभाकक्ष रायपुर में अंतर्विभागीय जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक रायपुर ली। इसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, नगर निगम, इंडियन मेडिकल एसोेशिएन, एन.जी.ओ के प्रतिनिधि, मितानिन, समन्वयक शामिल हुए।

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. विमल किशोर राय ने एम.डी.ए प्रोग्राम एवं लिम्फेटिक फाईलेरिसिस के बारे में बताया कि यह एक परजीवी के द्वारा होने वाला रोग है। यह लिम्फेटिक फाइलेरिएसिस वाउचेरेरिया बैंक्रपटाई तथा बु्रजिया मलाई नामक निमेटोड के कारण होता है। नर एवं मादा परजीवी मनुष्य के लिम्फनोड में रहते है, जहां पर मादा हजारों की संख्या में माईक्रोफाईलेरिया उत्पन्न करती हैं।

अभियान के तहत् दवा खाने योग्य जनसंख्या को आयु के अनुसार डी.ई.सी. तथा अल्बेन्डाजाॅल की दवाई खिलाई जाएगी हैं। आयु के अनुसार 2 से 5 वर्ष के बच्चों को डी.ई.सी की 1 टेबलेट, 6 से 14 वर्ष बच्चों को 2 टेबलेट तथा 15 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को 3 टेबलेट और इन सभी आयु वर्ग के लोगों को अल्बेन्डाजाॅल की 1-1 टेबलेट दी जाएगी।

यह टेबलेट गर्भवती महिला, दो वर्ष से छोटे बच्चों और अत्यन्त वृद्ध व्यक्ति, जो गंभीर बीमारी से ग्रस्त है उन्हें नहीं दी जाएगी। रायपुर जिले में दवा खाने योग्य जनसंख्या 2,41,826 का लक्ष्य रखा गया हैं। इसकें लिए 8,124 टीम लगायी गयी है।

समुदाय में दवा खाने योग्य प्रत्येक व्यक्ति यदि डी.ई.सी. अल्बेन्डाजॉल की एकल खुराक एम.डी.ए. में खा लेता है, तो उसके रक्त में उपस्थित माईक्रोफाईलेरिया नष्ट हो जाते है। इससे आगे संक्रमण नहीं होगा साथ लगातार 5-6 वर्षों तक एम.डी.ए. के दौरान एकल खुराक खाने के बाद आने वाली पीढी को फाईलेरिया से मुक्त कर सकते हैं।