दंतेवाड़ा : कलेक्टर दीपक सोनी ने कोरोना से बचाव एवं सुरक्षा की बनाई रणनीति….

जिले के समस्त ग्राम पंचायतों में कोरोना जागरूकता दल, सरपंच एवं सचिव ने बैठक कर पंचायत को कोरोना से बचाने ली जिम्मेदारी

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दंतेवाड़ा, 02 मई 2021। कलेक्टर दीपक सोनी ने जिले के नगरीय निकाय के साथ समस्त ग्राम पंचायतों को भी कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने ठोस कदम उठाए हैं और निरन्तर कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, टेस्टिंग, क्वारेंटाइन, होम आइसोलेशन, प्रोफिलेक्टिक ट्रीटमेन्ट, कोविड केयर सेंटर, अस्पताल आदि को सुदृढ़ कर रहें हैं।

आज दीपक सोनी के निर्देश से सभी ग्राम पंचायत के कोरोना जागरूकता दल के सदस्य (जिसमें उक्त पंचायत के शिक्षक, मितानीन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है), सरपंच एवं सचिव ने बैठक कर अपने ग्राम पंचायत को कोरोना वायरस से बचाव एवं सुरक्षा के मुद्दो पर चर्चा किया एवं अपने ग्राम पंचायत को कोरोना वायरस से बचाने ली जिम्मेदारी। बैठक में चर्चा कर प्रतिदिन वार्ड वार सर्वे करने हेतु पंचगण एवं कर्मचारी गण की जिम्मेदारी निर्धारित की गई।

उनके द्वारा प्रतिदिन अपने वार्ड में लोगों के स्वास्थ्य की जानकारी इकठ्ठा की जावेगी। किसी भी ग्रामीण को सर्दी, खाँसी, बुखार एवं अन्य लक्षण आते है तो उनकी पहचान की जायें, और व्यक्ति को कोरोना दवाई किट उपलब्ध करायी जाए। दवाई की डोज के बारे में जानकारी मितानीन द्वारा उनकों बताया जाए। यह अत्यंत आवश्यक है कि कोरोना के लक्षण आते ही व्यक्ति को दवाई दे दी जाये।

जो जॉच के बाद पॉजिटिव पाये जाते है उनका प्रतिदिन में दो बार SPO2 (oxygen Saturation level) ऑक्सीमीटर के माध्यम से जांच कर रिकार्ड रखा जाए ताकि अगर किसी व्यक्ति का SPO2 अगर 94 से कम हो तो तत्काल स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी (आयुष विभाग) से संपर्क कर उसकी जानकारी देवे। ताकि व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती करने की आगामी कार्यवाई की जा सकें।

लक्षण वाले व्यक्तियों की सूची स्वास्थ्य विभाग को भी उपलब्ध कराई जाये ताकि उनकी कोरोना की जांच की जा सकें लेकिन इसका ध्यान रखना है कि जांच रिपोर्ट का इंतजार नहीं करना है और लक्षण वाले व्यक्तियों को कोरोना दवाई किट के अनुसार उनकी दवाई तुरंत शुरू कर देनी है। इस हेतु सभी कोरोना जागरूकता दल के पास ऑक्सीमीटर और कोरोना दवाई किट की उपलब्धता पर चर्चा की गई। जिले में पर्याप्त संख्या में दवाई किट उपलब्ध है जिसको शिक्षा विभाग या स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करके प्राप्त किया जा सकता है। दल द्वारा होम ऑइसोलेशन में रह रहें संक्रमित व्यक्तियों की Psychological counselling समझाईश प्रतिदिन दूरभाष के माध्यम से दिया जावे।

अगर पंचायत में बाहर से आने वाले श्रमिक लोगों के लिए क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया है तो उसकी निगरानी भी करें और यह सुनिश्चित करें कि कम से कम 10 दिन तक वहां रूके हुए कोई भी व्यक्ति पंचायत के अन्य ग्रामीण जन से नही मिले क्योंकि इससे ग्रामीण जन को संक्रमण होने का खतरा होता है। कोरोना के लक्षण आम लक्षण- बुखार सूखी खांसी थकान।

कम पाए जाने वाले लक्षण- खुजली और दर्द, गले में खराश, दस्त, ऑख आना, सरदर्द, स्वाद और गंध न पता चलना, त्वचा पर चकत्ते आना या हाथ या पैर की उंगलियों का रंग बदल जाना। गंभीर लक्षण- सांस लेने में दिक्कत या सांस फूलना, सीने में दर्द या दबाव, बोलने या चलने फिरने में असमर्थ। इन सभी बातों से ग्रामीणों को अवगत कराया जाए ताकि संक्रमण ना फैले और ना ही गम्भीर स्थिति बने।