राजनांदगांव। ईद-मिलादुन्नबी पैगम्बर मोहम्मद के जन्म दिवस पर मनाया जाने वाला जश्न दिन ईद-मिलादुन्नबी कहलाता है, इस्लामी कैलेंडर के तीसरे महीने रबी अव्वुल में धूमधाम से जश्न की शुरुआत होती है, इस मौके पर अल्लाह के आखिरी पैगंबर की जीवनी के बारे में लोगों को बताया जाता है।
भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश सदस्य परवेज अहमद पप्पू ने छत्तीसगढ़ प्रदेश वासियों को मुबारकबाद देते हुए कहा कि मान्यता है कि इस दिन मक्का शहर में 571 ईस्वी में पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब का जन्म हुआ था। इसी की याद में ईद मिलादुन्नबी का पर्व मनाया जाता है। … मिलाद का अर्थ जन्म होता है। अरबी भाषा में मिलाद उन नबी का मतलब नबी का जन्मदिन होता है।
अहमद ने आगे कहा कि आज और कल ईद ए मिलाद उन नबी का त्योहार मनाया जा रहा है, पैगंबर हजरत मोहम्मद आखिरी संदेशवाहक और सबसे महान नबी माने जाते हैं, जिन को खुद अल्लाह ने फरिश्ते जिब्रईल द्वारा कुरान का सन्देश दिया। पैगंबर मोहम्मद ( स.अ. व. ) ने हमेशा शांति और सद्भावना का संदेश दिया। उन्होंने अपने के आखरी हज के सन्देश में कहा, न किसी गोरे को काले पर, न किसी अरबी को नजमी पर, न किसी अमीर को गरीब से ज्यादा अधिकार है, उन्होंने पूरे आलम को एक होने का संदेश दिया, पैगम्बर ने ही सबसे पहले महिलाओ को उनके पूरे अधिकार और बराबरी का हक़ दिया।
उन्होंने अपने सबदेशो मे कहा कि हमेशा अपने पड़ोसियों के ख्याल रखो, चाहे वह किसी धर्म का मानने वाला हो। क़ुरआन में यह भी कहा गया है, कि चाहे आप अपने धर्म की कितनी भी अच्छाई बयान करो, पर किसी दूसरे धर्म की बुराई मत करो।पैगम्बर मोहम्मद (स.अ. व.) को सारे आलम की भलाई के लिए भेज गया है। पैगम्बर मोहम्मद मुस्लिम इनके लिए हमेशा परम आदर भाव रखते हैं, मुसलमानों के लिए बड़ा त्योहार माने जाने वाले इस दिन को लेकर मुस्लिम समाज में मनाने वाले इस दिन को बड़े धूम-धाम से मनाते है, इस दिन रात भर प्रार्थनाए चलती हैं। इस दिन बड़े-बड़े जुलूस भी निकाले जाते हैं, इस दिन पैगंबर मोहम्मद (स.अ. व.) हजरत साहब को पढ़ा जाता है, और उन्हें याद किया जाता है।