यूआरएल की जानकारी

URL क्या है
URL यूआरएल का पूरा नाम यानि फुल फॉर्म यूनिफार्म रिसोर्स लोकेटर (Uniform Resource Locator) होता है और इसका इस्तेमाल इंटरनेट पर स्थित किसी भी सिंगल वेब पेज को खोजने के लिए या उसको नाम देने के लिए किया जाता है या अगर सीधी भाषा में कहें तो यह किसी भी वेबसाइट के किसी भी सिंगल पेज का Web Address होता है जिससे उस पर सीधे-सीधे पहुंचा जा सकता है यह बिल्कुल आपके घर के पते की तरह होता है जहां पर उसमें पिन कोड और आपकी घर का पूरा एड्रेस होता है और उसको किसी को देने पर व्यक्ति वहां पर आसानी से पहुंच सकता है उसी तरह से यूआरएल भी अगर किसी व्यक्ति को दिया जाए तो उस बेवपेज पर पहुंच सकता है

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Tim Berners-Lee ने यह वही टिम बर्नर्स ली हैं ज‍िन्‍होंने पूरी दुन‍िया को इंटरनेट के माध्‍यम से जोड़ा है। सन 1991 में पहला वेब ब्राउज़र बनाया था, जिसका नाम उन्‍होंने वर्ल्ड वाइड वेब रखा था। आजकल आप किसी का नाम टाइप करने से पहले जो WWW लगाते हैं यह वही वर्ल्ड वाइड वेब की शार्टफार्म है उन्‍होनें ही यूआरएल (URL ) का दिया जिससे सभी बेवपेज का आसानी से खोजा जा सके अगर ये नहीं होता तो शायद गूगल भी कभी इस तरह से काम नहीं कर पाता क्‍यों वह भी यूआरएल (URL ) को ही खोजता है
कैसे काम करता है यूआरएल (URL )
शुरूआत में Web Address न होकर आईपी एड्रेस होते थे, आईपी एड्रेस (IP address) का पूरा नाम इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस (Internet Protocol Address), आज के समय में आईपी एड्रेस (IP address) के बगैर कंप्‍यूटर (Computer) को इंंटरनेट (Internet) या किसी भी नेटवर्क (Network) से जोडा नहीं जा सकता है

अब आप यह तो समझ गये कि हर वेबसाइट का एक आईपी एड्रेस (IP address) होता है, जिससे उसे इंटरनेट पर पहचाना जा सके, यह बिलकुल आपके शहर के पिन कोड जैसा होता है लेकिन क्‍या आप 20 शहरों के नाम ज्‍यादा अच्‍छे से याद रख पायेगें या उसके उनके पिनकोड बिलकुल सही आप नाम ज्‍यादा अच्‍छे से याद रख पायेगें