
बस्तर में देश का दूसरा सबसे बड़ा रथ यात्रा गोंचा पर्व के नाम से प्रसिद्ध हैं उक्त पर्व की तैयारी जगदलपुर में जोरों पर चल रही है।जगदलपुर के 360 घर आरण्यक ब्राम्हण समाज के द्वारा अनवरत 614 वर्षों से समृिद्ध रियासत कालीन परम्परा का निर्वहन करते हुए इस वर्ष भी 30 जून से 10 जुलाई तक बस्तर गोंचा महापर्व का आयोजन किया जायेगा। 14 जून से देव स्नान पूर्णिमा चंदन जात्रा पूजा विधान के साथ बस्तर में गोंचा महापर्व का आगाज हो चुका है। भगवान जगन्नाथ के अनसर काल की समाप्ति के साथ 30 जून को नेत्रोत्सव पूजा विधान के साथ ही भगवान जगन्नाथ के दर्शन प्राप्त होगें।
एक जुलाई को श्री गोंचा रथ यात्रा पूजा विधान के साथ भगवान जगन्नाथ माता सुभद्रा व बलभद्र स्वामी के 22 विग्रहों को तीन रथों पर रथारूढ़ कर परिकमा उपरांत जनकपुरी में विराजित किया जायेगा जहाँ 9 दिनों तक नगरवासी भगवान जगन्नाथ के दर्शन कर सकेगें। जगन्नाथ मंदिर में आयोजित पत्रकारवार्ता के दौरान समाज के लोगों ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि इस वर्ष भी गोंचा पर्व भव्य रूप से मनाया जाएगा और यह आयोजन 30 जून से प्रारंभ होकर 10 जुलाई को देवशयनी एकादशी के साथ गोंचा पर्व का समापन किया जायेगा।

आयोजित कार्यक्रम में स्थानीय एवं छ.ग. शासन सांस्कृतिक मंत्रालय के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों द्वारा भजन संध्या की प्रस्तुति प्रतिदिन किया जायेगा एवं जगन्नाथ स्वामी को अर्पण किया जाने वाला छप्पन भोग विशेष आकर्षण का केन्द्र होगा।
30 जून से लेकर 10 जुलाई तक आयोजित कार्यक्रम के संबंध में 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज के संस्थापक सदस्य रविन्द्र कुमार पान्डेय ने बताया.