कांकेर – भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने जीत का परचम लहराया* दिया है।यहां कांग्रेस की सावित्री मंडावी (Congress candidate Savitri Mandavi) ने बीजेपी प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम को भारी अंतर से हराया है. सावित्री मंडावी भानुप्रतापपुर के पूर्व विधायक मनोज सिंह मंडावी की पत्नी हैं. मनोज मंडावी के अक्टूबर में हुए निधन के कारण ही यह सीट रिक्त हुई थी. कांग्रेस की जीत के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस में उत्साह की लहर है. वहीं बीजेपी खेमे में मायूसी छाई हुई है।
छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस का कब्जा हो गया है। सावित्री मंडावी ने बड़ी जीत दर्ज कर ली है। उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम को 21,171 वोटों से हराया है। इस बड़ी जीत के बाद कांग्रेस खेमे में जश्न का माहौल है। कांग्रेस दफ्तर के बाहर जमकर आतिशबाजी हो रही है। मिठाइयां बांटी जा रही हैं।
जीत के बाद सावित्री मंडावी ने रोड शो कर जनता का आभार जताया। भास्कर से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि वो जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करेंगी। जो भी वायदे किए गए हैं, जल्द ही उन्हें अमल में लाने की कोशिश की जाएगी।
भानुप्रतापुर उपुचनाव के नतीजों पर सीएम भूपेश बघेल ने बयान दिया कि नतीजा बता रहा है कि सरकार पर लोगों का भरोसा कायम है। वहां पर मनोज मंडावी के किए हुए काम पर मुहर लगी है। भाजपा को वहां दूसरे-तीसरे स्थान पर रहने के लिए भी कड़ा संघर्ष करना पड़ा।
उपचुनाव में कुल 1,41,662 वोट पड़े। कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री मंडावी को 65,479 वोट, बीजेपी प्रत्याशी को 44308 वोट और आदिवासी समाज के उम्मीदवार अकबर राम को 23,417 वोट मिले हैं। नोटा को 4251 वोट मिले हैं।
कांग्रेस में जश्न का माहौल
फाइनल रिजल्ट आने के बाद कांग्रेस जश्न में डूबी है। आबकारी मंत्री कवासी लखमा कार्यकर्ताओं के साथ ढोल-ताशों पर जमकर थिरकते नजर आए। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को जिताने के लिए भानुप्रतापपुर की जनता का धन्यवाद किया है। उधर उपचुनाव में जीत के बाद मुख्यमंत्री भूपेश के भिलाई स्थित निवास पर भी जश्न देखने को मिला। वहां पर चरोदा नगर निगम के महापौर समेत 40 पार्षदों ने पटाखे फोड़कर और मुंह मीठाकर जश्न मनाया है।
विधानसभा उपचुनाव के लिए 256 पोलिंग बूथ में 5 दिसंबर को वोटिंग हुई थी। चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा आदिवासी आरक्षण था। भाजपा प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम पर कांग्रेस ने बलात्कार का आरोप लगाया गया।
भाजपा प्रत्याशी को चुनावी मैदान में हराने कांग्रेस ने बड़ा ट्रंप कार्ड खेला था। तो वहीं भाजपा ने आरक्षण को बड़ा मुद्दा बनाकर इस चुनावी मैदान में अपने लिए जीत का रास्ता क्लियर करने की कोशिश की। तो वहीं इन दोनों ही पार्टियों से खफा सर्व आदिवासी समाज ने अपना प्रत्याशी चुनावी मैदान में खड़ा किया था।