राजनांदगांव, 02 जनवरी। जिला पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने वार्षिक अपराधों की जानकारी मीडिया के समक्ष पेश की। वर्ष 2022 की तुलना में वर्ष 2023 पुलिस की उपलब्धि के रूप में सामने आया है। प्रस्तुत किये गये आपराधिक आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022 में सभी थाना चौकी – क्षेत्रों में 5195 अपराध पंजीबद्ध किये गये थे।
वर्ष 2023 में अपराधों की संख्या घटकर 4262 रह गई। इस तरह पुलिस डायरी में इस वर्ष 933 अपराध कम हुए हैं। योजनाबद्ध रूप से पुलिस की कार्यप्रणाली के चलते इस तरह की उपलब्धि सामने आ पायी है। पुलिस का नियंत्रण हत्या जैसे जघन्य अपराधों पर उम्मीद के मुताबिक नहीं हो पाया है। इसी तरह पूरा जिला चोरी की घटनाओं से परेशान रहा है। अन्य घटनाक्रमों की पुनरावृत्ति भी कम नहीं हुई है।
पुलिस नियंत्रण कक्ष में पुलिस कप्तान मोहित गर्ग द्वारा प्रस्तुत किये गये आपराधिक आंकड़े भले ही पुलिस को उपलब्धि के रूप में देख रहे हैं किंतु वास्तव में ऐसा हुआ नहीं है हत्या जैसे जघन्य अपराध के कारण 21 परिवारों में मातम पसर गया है पुलिस खुद स्वीकार कर रही है कि इनमें से 10 मामलों का खुलासा किया जा सका है। 38 आरोपियों को जेल भेजा गया है।
पुलिस की हत्या से संबंधित डायरी में अभी भी 11 प्रकरण अनसुलझे पड़े हैं या कहा जा सकता है रक्त रंजित रहे गये हैं। इसी तरह चोरी के कुल 218 प्रकरणों में से 122 को पुलिस ने सुलझाया है 125 आरोपियों को हिरासत में लेकर जेल दाखिल कराया गया है। चोरी के 96 प्रकरणों में अभी भी परिवारों को न्याय नहीं मिला है। लाखों-करोड़ों की चोरी के मामले फुटेज प्राप्त करने के बाद भी क्यों नहीं सुलझ पाये हैं, यह पुलिस विभाग पर सवालिया निशान लगाते दिख रहे हैं।
हत्या की तरह ही हत्या के प्रयास जैसी घटनाओं से भी जिला दहलता रहा है। लोगों को जान से मारने का प्रयास कर घायल अवस्था में पहुंचाने वाले 15 प्रकरणों में से पुलिस ने 12 मामलों के आरोपियों को हिरासत में लिया है। 26 आरोपी इसी अपराध में जेल भेजे गये हैं। हत्या के प्रयास वाले तीन मामले अभी भी पुलिस के लिए चुनौती बने हुए हैं।
अबोध बालिकाओं से लेकर युवतियों एवं उम्र दराज महिलाओं के साथ किये जाने वाले दुष्कर्म एवं अपहरण जैसे मामले ने रोज समाचार पत्रों के कालमों पर राज किया है। 46 दुष्कर्म तथा 116 अपहरण जैसे मामले पंजीबद्ध बताये गये हैं। इनमें से दुष्कर्म के 38 मामलों में संलिप्त लोगों को पकड़ा गया है।
6 प्रकरण अभी भी लंबित हैं। कुल 44 आरोपियों को दुष्कर्म के मामले में लंबी सजा हुई है। अपहरण के 116 मामलों में पुलिस को 70 मामले सुलझाने में सफलता मिली है। 70 आरोपी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गये हैं। इसी अपराध के 46 प्रकरण अब तक न सुलझ पाना भी पुलिस की कार्यप्रणाली के ढीला होने का संकेत है ।