सीबीआई ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष तमन सिंह सोनवानी को गिरफ्तार कर लिया है। सोनवानी पर कथित तौर पर 45 लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है। सीबीआई के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है।
सीबीआई ने जुलाई में 2020 और 2022 के बीच अधिकारियों और राजनेताओं के रिश्तेदारों की भर्ती में अनियमितताओं के संबंध में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) की जांच अपने हाथ में ली थी। सीबीआई ने तब सीजीपीएससी के पूर्व अध्यक्ष तमन सिंह सोनवानी, पूर्व सचिव जेके ध्रुव और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
सीबीआई जांच से पता चला था कि सोनवानी के बेटे नितेश को डिप्टी कलेक्टर के रूप में चुना गया था, जबकि उनकी बहन की बेटी सुनीता जोशी को श्रम अधिकारी के रूप में चुना गया था। उनकी बहू निशा कोसले को डिप्टी कलेक्टर के रूप में चुना गया था। उनके परिवार के अन्य युवा छात्रों ने भी प्रीमियम स्थान हासिल किया था।
एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि अधिकारियों ने यह सुनिश्चित करने के लिए मेरिट सूची में छेड़छाड़ और हेराफेरी की कि उनके और उनके रिश्तेदारों के बेटे-बेटियों को डिप्टी कलेक्टर और पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) जैसे प्रीमियम पद मिले।
जांच एजेंसी ने आरोप लगाया था कि 171 छात्रों की मेरिट सूची में शीर्ष अधिकारियों और राजनेताओं के बच्चे शामिल थे। एजेंसी ने एफआईआर में नामित लोगों के रायपुर और भिलाई स्थित आवासों पर व्यापक तलाशी ली थी।
बेटे और बहू की नियुक्ति के लिए दिए गए थे पैसे
छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग की भर्ती में गड़बड़ी का मामला सामने आया था। यह मामला तब सामने आया था जब राज्य में कांग्रेस की सरकार थी। राज्य में बीजेपी की सरकार बनने के बाद बीजेपी ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। आरोप है कि यह श्रवण कुमार गोयल ने अपने बेटे शशांक और बहू भूमिका कटारिया का छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग की परीक्षा में सिलेक्शन करवाने के लिए पैसे दिए थे। उनका सिलेक्शन उप जिलाधिकारी के रूप में किया जाना था।
मेरिट में शामिल थे अधिकारी और नेताओं के बच्चे
छत्तीसगढ़ में लोकसेवा आयोग की 2020 से 2022 तक की भर्ती परीक्षाओं में अनियमिता का मामला सामने आया था। इस मुद्दे को लेकर राज्य की सियासत भी गर्म हो गई थी। सीबीआई ने इस मामले में सोनवानी समेत कई अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया था।
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