VISION TIMES : रेडी-टू-ईट का वितरण का जिम्मा महिला स्वसहायता समूह को ही मिले – सांसद संतोष पाण्डेय…

•लोकसभा के शून्यकाल में राजनांदगांव सांसद ने उठाया मुद्दा

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Vision Times – छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार द्वारा हाल ही में निर्देश जारी किये गए हैं कि आंगनबाड़ी में अध्ययनरत विद्यार्थियों को मिलने वाले पोषण आहार के वितरण का जिम्मा महिला स्वसहायता समूह से हटाकर कृषि विकास एवं किसान कल्याण जैव प्रौद्योगिकी विभाग को दिया जाएगा। आदेश के बाद से प्रदेश की महिला स्वसहायता समूह की महिलाओं द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है। इसी विषय को लेकर आज राजनांदगांव लोकसभा के सांसद संतोष पाण्डेय ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाया।

संतोष पाण्डेय ने सदन में कहा कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार द्वारा महिला स्वसहायता समूह की बहनों से रेडी-टू-ईट पोषण आहार वितरण का कार्य छिनकर उन्हें बेरोजगार करने का कार्य कर रही है। साल 2009 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने पोषण आहार तैयार करने का जिम्मा महिला समूहों को दिया था ताकि उन्हे रोजगार प्राप्त हो सके। और हजारो महिलाओ को रोजगार प्राप्त भी हुआ व ग्रामीण महिलाओ की जिंदगी आर्थिक व सामाजिक रूप से बदलने भी लगी। आंगनबाड़ी में अध्ययनरत बच्चों को रेडी टू ईट पोषण आहार वितरण को महिला समूहों से छीन कर ठेकेदारों के माध्यम से वितरित करने की आड़ में राशि बंदरबांट की तैयारी कर ली है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने आदेश क्रमांक एफ-55/2010/50 दिनांक 26-11-2021 के द्वारा फरमान जारी किया है कि रेडी टू इट में कार्यरत स्थानीय महिला स्व सहायता समूह के स्थान पर अब कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम के माध्यम से होगा। परन्तु कृषि विकास एवं किसान कल्याण जैव प्रौद्योगिकी की विभाग का इतना बड़ा अमला नहीं है कि वह छत्तीसगढ़ प्रदेश में प्रतिदिन बच्चों को रेडी टू ईट तैयार कर वितरित कर सकें। यह सीधा-सीधा 14 वें एवं 15 वें वित्त द्वारा केंद्र सरकार से प्राप्त राशि का अपने निजी लाभ व चहेतों को लाभ पहुँचाने एवं धनराशी का बंदरबांट करने के ध्येय से किया गया है।

संतोष पाण्डेय ने आगे कहा कि प्रदेश में सक्रिय हजारों महिला समूह की लाखों बहने बेरोजगार हो जाएंगे उनके द्वारा क्रय किए गए मशीनें अनुपयोगी हो जाएंगे। इस आदेश के पीछे राज्य सरकार का तर्क है कि भोजन की गुणवत्ता में सुधार होगा जबकि खाद्य विभाग और औषधि विभाग द्वारा गत दो वर्ष में महिला समूहों द्वारा निर्मित भोजन के सैम्पल लिए गए उनमे किसी की भी गुणवत्ता में खराबी नहीं पाई गयी। राजनांदगांव जिले में लगभग 80 समूह व कबीरधाम जिले में  लगभग 50 समूह के माध्यम से महिलाए कार्य कर रही है।  इन समूहों में महिलाओ की संख्या 1500 से 2000 के आस पास होगी। ये महिलाये साल भर में करीब 10 करोड़ के रेडी टू इट भोजन तैयार करती है जिसके एवज में एक समूह को 7000 से 8000 तक की आमदनी हो जाती है।

योजना के संचालन का तरीका बदले जाने से इन महिलाओ व इनके परिवार को आर्थिक नुकसान वहन करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश चुनाव में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी महिलाओं के सशक्तिकरण, रोजगार व अधिकार के लिए बड़ी-बड़ी बातें कर रहीं, योजनाओं की घोषणा कर रहीं हैं लेकिन उन्हीं के पार्टी के नेता और प्रदेश के मुख्यमंत्री लाखों महिलाओं से उनका रोजगार छिनने का कार्य रहें हैं यह कैसा दोहरा चरित्र हैं कांग्रेस सरकार का।