
भारत की लड़कियों ने आखिरकार 47 साल के लंबे इंतजार के बाद इतिहास रच ही दिया। हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में इंडिया विमेंस ने रविवार को फाइनल में साउथ अफ्रीका को 52 रन से हराकर पहली बार वनडे वर्ल्ड कप का खिताब जीता। 87 रन बनाने के बाद दो अहम विकेट लेने वालीं 21 साल की शेफाली वर्मा प्लयेर ऑफ द फाइनल रही।

आईसीसी चेयरमैन जय शाह ने टीम इंडिया को ट्राफी के साथ 40 करोड़ रू का नगद पुरस्कार प्रदान किया। इस मौके पर कप्तान हरमनप्रीत, उपकप्तान स्मृति मंधाना समेत सभी भारतीय प्लेयर अत्यंत भावुक हो गये। उनकी आंखों में खुशी के आंसू थे।
डीवाई पाटील स्टेडियम में साउथ अफ्रीका ने बॉलिंग चुनी। भारत ने 7 विकेट खोकर 298 रन बनाए। शेफाली ने 87, दीप्ति शर्मा ने 58, स्मृति मंधाना ने 45 और ऋचा घोष ने 34 रन बनाए। बड़े टारगेट के सामने साउथ अफ्रीका टीम 246 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। कप्तान लौरा वोल्वार्टने लगातार दूसरा शतक लगाया, लेकिन टीम को जीत दिलाने से पहले ही आउट हो गईं। भारत से पार्ट टाइम ऑफ स्पिनर शेफाली वर्मा ने दो विकेट लेकर मैच पलटा दी। दीप्ति शर्मा ने 5 विकेट लेकर टीम को जीत दिला दी । द अफ्रीका ने 37 रन के भीतर अंतिम पांच विकेट गवा दिए।
2005 में टीम इंडिया पहली बार फाइनल में पहुंची थी, लेकिन ऑस्ट्रेलिया से हार गई। 2017 में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को ही सेमीफाइनल हराकर फाइनल में एंट्री की, लेकिन इंग्लैंड ने फाइनल हरा दिया। अंततः इस वर्ल्डकप में भारत ने एक बार फिर आस्ट्रेलिया को हराकर फाइनल में प्रवेश किया और द. अफ्रीका पर शानदार जीत के साथ खिताब का सपना पूरा कर लिया।






































