गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने राज्य के गवर्नर आचार्य देवरत को अपना इस्तीफा सौंपा. विजय रुपाणी ने इस्तीफा देने के बाद कहा कि भारतीय जनता पार्टी की ये परंपरा रही है कि समय के साथ साथ कार्यकर्ताओं के दायित्व भी बदलते रहते हैं.
विजय रुपाणी ने कहा कि ये हमारी पार्टी की विशेषता है कि जो दायित्व पार्टी द्वारा दिया जाता है पूरे मनोयोग से पार्टी कार्यकर्ता उसका निर्वहन करते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नए सीएम की रेस में मनसुख मांडविया, नितिन पटेल, सीआर पटेल, पुरुषोत्तम रुपाला के नाम आगे चल रहे हैं.
गुजरात का मुख्यमंत्री
पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के इस्तीफे के बाद विजय रुपाणी को 07 अगस्त 2016 को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया था. उन्हीं के नेतृत्व में भाजपा ने साल 2017 में विधानसभा चुनाव जीता था. इस्तीफे के बाद रुपाणी ने कहा कि मुझे जो काम मिला मैंने उसे पूरा किया. आगे जो भी जिम्मेदारी मिलेगी उसे ईमानदारी से निभाऊंगा.
जानें वजह
गुजरात सरकार में बड़ा उलटफेर करने के पीछे कई वजहें हैं. अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले नेतृत्व परिवर्तन करके भाजपा ने बड़ा दांव खेला है. जहाँ विजय रुपाणी राज्यपाल के पास इस्तीफा देने गये तब उनके साथ उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, राज्य सरकार में मंत्री भूपेंद्र सिंह चुडासमा और गुजरात प्रभारी भी राजभवन में मौजूद थे.
जनता का शुक्रिया किया
विजय रुपाणी ने इस दौरान गुजरात की जनता का भी शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा कि मैं गुजरात की जनता के प्रति भी आभार व्यक्त करता हूं कि विगत पांच वर्षो में हुए उपचुनाव या स्थानीय निकाय के चुनाव पार्टी और सरकार को गुजरात की जनता का अभूतपूर्व समर्थन, सहयोग और विश्वास मिला है. गुजरात की जनता का विश्वास भारतीय जनता पार्टी की ताकत भी बनी है और मेरे लिए लगातार जनहित में काम करते रहने की ऊर्जा भी उससे मिली है.
3 महीने में 4 मुख्यमंत्री बदले
विजय रुपाणी भाजपा शासित राज्यों में इस्तीफा देने वाले 3 महीने में चौथे मुख्यमंत्री बन गए है. जुलाई में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को बदला गया था. फिर जुलाई में ही उत्तराखंड में दो बार मुख्यमंत्री बदले गए. पहले त्रिवेंद्र रावत की जगह तीरथ सिंह को और फिर उनकी जगह पुष्कर सिंह धामी को कमान सौंप दी गई.