दुर्ग : भारती विश्वविद्यालय का राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर सफलतापूर्वक संपन्न…


दुर्ग। भारती विश्वविद्यालय, दुर्ग का ग्राम कोलिहापुरी में आयोजित एक सप्ताह का आवासीय राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर सफलतापूर्वक ग्राम कोलिहापुरी में संपन्न हुआ। समापन समारोह के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. वीरेंद्र कुमार स्वर्णकार, डायरेक्टर श्री घनश्याम साहू तथा विशिष्ट अतिथि ग्राम पंचायत कोलिहापुरी सरपंच श्री ज्वाला प्रसाद देशमुख, सचिव श्री निमेष कुमार, भारती इंजनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य श्री डी. सी. परसाई रहे।

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अपने उद्बोधन में डायरेक्टर श्री घनश्याम साहू ने शिविर के माध्यम से ग्रामीण समाज की सेवा एवं जागरूकता के स्वयंसेवकों के विभिन्न कार्यों की सराहना की। कुलसचिव डॉ. वीरेंद्र कुमार स्वर्णकार ने समाज एवं राष्ट्र सेवा के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दोहराया तथा स्वयंसेवकों का मनोबल बढ़ाते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा समाज सेवा हेतु स्वयंसेवकों की हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया।

सरपंच श्री ज्वाला प्रसाद देशमुख ने गांव में स्वयंसेवकों के विभिन्न कार्यों की सराहना करते हुए राष्ट्रीय योजना शिविर को ग्रामीण जनता हेतु बहुत उपयोगी एवं सार्थक बताया। प्राचार्य डी. सी. परसाई ने स्वयंसेवकों को राष्ट्रीय सेवा योजना का लाभ अपने व्यक्तित्व विकास एवं समाज के प्रति सही परिप्रेक्ष्य विकसित करने हेतु प्रेरित किया। समापन समारोह में शासकीय प्राथमिक तथा माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।


विदित हो कि राष्ट्रीय सेवा योजना साप्ताहित शिविर का आयोजन ग्राम कोलिहापुरी में 3 से 9 फरवरी 2024 तक आयोजित किया गया, जिसमें शासन द्वारा निर्धारित गतिविधियों के अतिरिक्त प्रतिदिन विभिन्न विषय विशेषज्ञों ने ग्रामीण विद्यार्थियों, स्वयंसेवकों एवं ग्रामीण जनता को अपना मार्गदर्शन प्रदान किया।

इसके अतिरिक्त श्री प्रभात कुमार, प्रशिक्षक, आर्ट ऑफ लिविंग संस्था, दुर्ग द्वारा ध्यान, योग, प्राणायाम पर प्रतिदिन प्रशिक्षण प्रदान किया गया। शिविर में पुलिस विभाग की सहायक उप-निरीक्षक संगीता मिश्रा तथा महिला सुरक्षा टीम, जिला-दुर्ग द्वारा शिविर स्थल में कार्यशाला का आयोजन कर महिला सुरक्षा पर प्रशिक्षण ग्रामीण बालिकाओं, महिलाओं तथा स्वयंसेवकों को दिया गया।

शिविर का आयोजन राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी डॉ. स्नेह कुमार मेश्राम, रा. से. यो. प्रकोष्ठ सदस्य डॉ. चांदनी अफसाना, डॉ. रोहित कुमार वर्मा, श्री जयंत बारीक तथा झरना ठाकुर के विशेष सहयोग से किया गया।