दुर्ग- 2 अक्टुबर 2020/ पूरे देश में केवल 6 राज्यों में ही उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय हैं। वन क्षेत्र में छत्तीसगढ़ देश में मध्य प्रदेश एवं अरुणाचल प्रदेश के बाद तीसरे स्थान पर है, यहां बसी क्षेत्रफल में छत्तीसगढ़ देश का 13 वां तथा उत्पादन में 12 वां स्थान रखता है। छत्तीसगढ़ में 8.6 हेक्टेयर में उद्यानिकी फसलों से 104 लाख मैट्रिक टन का उत्पादन किया जा रहा है।
उद्यानिकी फसलों का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि पिछले वर्षों में कृषि में औसत वृद्धि दर 3 से 4 प्रतिशत दर्ज की गई है। जबकि उद्यानिकी की में यह दर 8 से 10 प्रतिशत रही है, जो उद्यानिकी फसलों की खेती में खाद्यान फसलों की अपेक्षा किसानों की बढ़ती रुचि को प्रदर्शित करता है। डॉ. अजय वर्मा विशेष कर्त्यवस्थ अधिकारी ने जानकारी दी कि भविष्य में व्यवस्थित एवं योजनाबद्ध विश्वविद्यालय के अधोसंरचना का विकास हो इसके लिए मास्टर प्लान की प्रशासनिक स्वीकृति शासन से प्राप्त हो गई है। लगभग 90 एकड़ भूमि में विकसित होने वाले विश्वविद्यालय परिसर का भू-सर्वेक्षण कर लिया गया है। जलापूर्ति, एप्रोच रोड, स्ट्रीट लाइट्स, सीवेज डिस्पोजल, क्रॉस ड्रेनेज एवं वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर की प्लानिंग कर ली गई है।
ऊर्जा, पानी एवं अन्य संसाधनों का कुशलता पूर्वक उपयोग कर पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने हेतु ग्रीन बिल्डिंग अवधारणा पर पूरा मास्टर प्लान तैयार कर लिया गया है। मुख्य परिसर में शैक्षणिक, प्रशासनिक एवं डायरेक्टर्स भवन होगा। भवनों का निर्माण इस तरह से किया जा रहा है कि 60 से 70 प्रतिशत ओपन स्पेस रहे। इस स्थान पर फलदार एवं छायादार वृक्ष लगाए जाएंगे। फूलों की क्यारियों एवं अन्य पेड़-पौधों से पूरे कैंपस को ऑक्सिजोन का स्वरूप प्रदान करेंगे। सभी भवनों की अपनी पार्किंग व्यवस्था होगी। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय परिसर में प्रयोगशालाएं, कर्मशालायें, लाइब्रेरी, म्यूजियम अनुसंधान प्रक्षेत्र, गेस्ट हाउस, ऑडिटोरियम, जिम्नेजीयम, कम्युनिटी हॉल, वैज्ञानिकों एवं कर्मचारियों के आवास, डिस्पेंसरी आदि की व्यवस्था होगी। राज्य में इस समय दो शासकीय उद्यानिकी महाविद्यालय जगदलपुर एवं राजनांदगांव जिले में संचालित हो रहे है।
राज्य में उद्यानिकी के क्षेत्र में पेशेवर मानव संसाधन उपलब्ध करवाने हेतु चार नए शासकीय उद्यानिकी महाविद्यालय अर्जुंदा (बालोद), कुरूद (धमतरी), जशपुर एवं साजा (बेमेतरा) में वर्तमान शैक्षणिक सत्र से प्रारंभ हो रहे हैं। जिसमें प्रवेश की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी स्नातकोत्तर एवं पीएचडी की पढ़ाई फल, सब्जी, पुष्प एवं कृषि वानिकी विषय में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में संचालित हो रहे हैं। वानिकी विषय में स्नातक स्तर की पढ़ाई के लिए वानिकी महाविद्यालय प्रारंभ करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। हाईटेक हाॅर्टीकल्चर, फूड प्रोसेसिंग एवं मेकेनाइजेसन को बढ़ावा दिया जाएगा। इस क्षेत्र में कुशल कामगार तैयार करने कौशल विकास में पाठ्यक्रमों का भी समावेश होगा।
वर्तमान में राज्य में 2 शासकीय उद्यानिकी महाविद्यालय जगदलपुर एवं राजनांदगांव जिले में जो इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा संचालित है जिसमें प्रतिवर्ष लगभग 300 से 400 छात्रों को उद्यानिकी में ग्रेजुएशन, 50 छात्रों को पोस्ट ग्रेजुएशन एवं 15 छात्रों को पीएचडी में प्रवेश मिलता है । इस शैक्षणिक क्षेत्र में चार नए शासकीय उद्यानिकी महाविद्यालय अर्जुंदा, कुरूद, जशपुर एवं साजा में प्रारंभ हो रही है, जिसमें लगभग 200 अतिरिक्त छात्रों को प्रवेश मिलेगा क्योंकि छात्रों को अन्य प्रदेशों की ओर रुख करना पड़ता है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना से छात्र स्थानीय स्तर पर शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे।