*पहली बार आंगनबाड़ी गया था नैतिक* बता दें कि मंगलवार को ग्राम भेड़ी में ग्राम पंचायत से लगे आंगनबाड़ी में 3 साल का नैतिक सिन्हा पिता वासुदेव सिन्हा पहली बार पढ़ने गया था। जहां वो लंच ब्रेक के बाद बच्चों के साथ बाहर खेल रहा था और संभवतः खेलते- खेलते पास के बहने वाले नाली में बह गया।
बेहद ही गमगीन माहौल में 3 वर्षीय नैतिक का अंतिम संस्कार कियागया। पूरे समय तक एसडीम, तहसीलदार सहिबालोद – समीप के ग्राम भेंड़ी के कलामंच के पास स्थित नाली में बहे 3 साल के मासूम नैतिक सिन्हा की का शव घटनास्थल आंगनबाड़ी से लगभग 3 किलोमीटर दूर भेंड़ी और ग्राम बड़गांव के बीच सरहदी नाले में झाड़यिों में फंसा मिला। बुधवार सुबह लगभग साढ़े नौ बजे बच्चे का शव बरामद कर लिया गया है।
नाली की तेज रफ्तार पानी से वह [ बहुत आगे तक बह गया था व दूर नाले में स्थित झाड़यिों में फंसा हुआथा। बता दें कि मंगलवार को बच्चे के बह जाने की जानकारी मिलने के बाद गोताखोरों ने रात 11 बजे तक टार्च की रोशनी में खोजबीन की, लेकिन पता नहीं चल पाया। दूसरे दिन बुधवार सुबह फिर से खोजबीन शुरू की गई। गोताखोरों की टीम भेड़ी से बड़गांव की ओर जाने वाले नाले में खोजबीन की जा रही थी, तभी करीब 9.30 बजे नैतिक का शव मिलने की जानकारी मिली। शव को सबसे पहले ग्राम के ही तोतन बरसेल ने देखा।
किसान तोतन बरसेल नाले से लगे खेत की ओर गया था, तभी नाले में झाड़ियों के पास नैतिक का शव फंसा हुआ दिखा। लेकिन,बच्चे के शव को देखने के बाद किसान तोतन की हिम्मत नहीं हुई। उसने, बस्ती में आकर अन्य लोगों को इसकी सूचना दी, जिसके बाद बालक के शव को झाड़ियों से बाहर निकाला गया।