- आयुष स्वास्थ्य मेला में 1795 मरीजों ने लिया नि:शुल्क चिकित्सा लाभ
- शुगर एवं हिमोग्लोबिन की जांच रही उपलब्ध
- पंचकर्म अंतर्गत स्नेहन, स्वेदन से 89 मरीज हुए लाभान्वित
- नि:शुल्क स्वास्थ्यवद्र्धक काढ़ा का किया गया वितरण
- एक दिवसीय जिला स्तरीय नि:शुल्क आयुष स्वास्थ्य मेला का आयोजित
राजनांदगांव – आयुष विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा लोहाणा महाजन बाड़ी स्टेशन रोड राजनांदगांव में एक दिवसीय जिला स्तरीय नि:शुल्क आयुष स्वास्थ्य मेला का आयोजन किया गया। मेले में आयुर्वेद, होम्योपैथी एवं यूनानी चिकित्सा पद्धतियों द्वारा सर्दी, खांसी, बुखार, खून की कमी, शरीर व हाथ-पैरों में दर्द, पेट संबंधी समस्या, चर्मरोग, कमजोरी तथा विशेष रूप से महिलाओं व बच्चों को होने वाले समस्त रोगों की नि:शुल्क चिकित्सा और औषधियों का वितरण किया गया।
इस अवसर पर महापौर श्रीमती हेमा देशमुख ने नागरिकों से अधिक से अधिक आयुर्वेद पद्धति से चिकित्सा कराने की आव्हान किया। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से लोगों को बहुत लाभ हो रहा है। घर के बगीचे में मिलने वाले औषधि पौधों व भाजी, तरकारी से सस्ती व सुलभ घरेलू उपचार किया जा सकता है।
उन्होंने रागी, कोदो, कुटकी का अपने सामान्य जीवन में अधिक से अधिक उपयोग करने की सलाह दी। श्रीमती देशमुख ने आयुष विभाग द्वारा आयोजित शिविर का लाभ लेने के लिए नागरिकों से अपील की। साथ ही आयुष विभाग द्वारा निरंतर शिविर के माध्यम नागरिकों को चिकित्सा लाभ पहुंचाने के लिए सराहना की और आगे भी ऐसे शिविरों का आयोजन करने कहा।
छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष श्री हफीज खान सहित अन्य गणमान्य अतिथियों ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर असंगठित कर्मकार मण्डल के सदस्य श्री विरेन्द्र चौहान, चेयरमेन नगर निगम सतीश मसीह व पार्षद श्री विनय झा, श्री सिद्धार्थ डोंगरे, श्री शरद पटेल व श्री आसिफ अली उपस्थित थे।
शिविर में आयुर्वेद पद्धति के 1388 रोगी, होम्योपैथी पद्धति के 315 रोगी, यूनानी पद्धति के 92 रोगी कुल 1795 रोगियों का जांच कर नि:शुल्क औषधि वितरण किया गया। पुरूष व महिला रोगियों को पृथक-पृथक पंचकर्म अंतर्गत स्नेहन व स्वेदन की सुविधा भी शिविर में उपलब्ध कराई गई तथा शिविर में पहुंचे सभी नागरिकों को आयुष काढ़ा का वितरण किया गया।
शिविर में रोगियों के लिए रक्त परीक्षण अंतर्गत शुगर एवं हिमोग्लोबिन जांच की सुविधा भी उपलब्ध रही। आयुर्वेद पद्धति अंतर्गत ज्वर के 45 प्रतिश्याय के 198, कास के 122, वात रोग के 505, हृदय रोग के 43, डायबिटीज (मधुमेह) के 32, चर्मरोग के 322, उदर रोग के 302, स्त्रीरोग के 77, कर्ण – मुख- नासा के 24, अर्श (बवासीर व भगंदर) के 23 व अन्य रोग के 102 कुल 1795 रोगियों द्वारा चिकित्सा लाभ लिया गया।
रक्त परीक्षण अंतर्गत 114 रोगियों की शुगर व हिमोग्लोबीनजांच किया गया। पंचकर्म अंतर्गत 89 रोगियों को स्नेहन-स्वेदन की सुविधा उपलब्ध कराई गई। शिविर में लगभग 2 हजार लोगों को आयुष काढ़ा वितरण किया गया। जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. रमाकान्त शर्मा ने शिविर के आयोजन के लिए सभी अधिकारी-कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया गया।
उन्होंने सभी अधिकारी-कर्मचारियों को एकजुटता बनाये रखते हुये टीम भावना से आयुष विभाग एवं नागरिकों के लिए काम करने हेतु प्रेरित किया। इस अवसर पर शिविर प्रभारी डॉ. श्रीमती हर्षा दुबे, डॉ. सुरेन्द्र कुमार मेश्राम एवं विशेषज्ञ चिकित्सक, आयुष विभाग के अधिकारी-कर्मचारी व बड़ी संख्या में नागरिकगण उपस्थित थे।