
राजनांदगांव। शहर के बर्फानी आश्रम में राष्ट्रीय सर्व ब्राह्मण समाज महिला इकाई द्वारा गीता जयंती का भव्य और गरिमामय आयोजन किया गया। रविवार, 30 नवंबर को आयोजित इस आध्यात्मिक समारोह में वैदिक, सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रमों की श्रृंखला ने पूरे परिसर को गीता के उपदेशों और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों से सराबोर कर दिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद संतोष पांडे ने अपने उद्बोधन में कहा
“हर घर में गीता पढ़ने से नई पीढ़ियों को सही दिशा मिलेगी। गीता का उपदेश आज भी हर व्यक्ति के लिए मार्गदर्शक है। संकट के किसी भी समय इसका ज्ञान समाधान देता है।”
अध्यक्षता छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल बोर्ड के अध्यक्ष नीलू शर्मा ने की। उन्होंने कहा कि गीता भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और जीवन मूल्यों का मूल स्रोत है। हर व्यक्ति को गीता के संदेश को जीवन में अपनाना चाहिए।
समारोह में समाज के 60 वर्ष पूर्ण कर चुके दंपत्तियों को शाल, श्रीफल और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। यह सम्मान समारोह कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण रहा, जिसमें मंच से वक्ताओं ने गीता के आदर्शों को जीवन में आत्मसात करने और समाज में गीता पढ़ने की परंपरा को मजबूत बनाने की अपील की।
वंदना तिवारी, प्रमुख आयोजक, राष्ट्रीय सर्व ब्राह्मण समाज महिला इकाई ने कहा
गीता जयंती केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि समाज को एक नई दिशा देने का अवसर है। बर्फानी आश्रम में हुए इस भव्य आयोजन में समाज के सभी वर्गों ने जिस उत्साह से हिस्सा लिया, वह वास्तव में सराहनीय है। हमारी महिला इकाई ने मिलकर यह प्रयास किया कि गीता का संदेश घर-घर तक पहुँचे।
भगवान श्रीकृष्ण के उपदेश आज भी हर व्यक्ति के जीवन में मार्गदर्शन देते हैं। हम चाहते हैं कि नई पीढ़ी भी गीता के मूल्यों को समझे और उसे अपने जीवन में अपनाए।
गीता जयंती कार्यक्रम को सफल बनाने में महिला इकाई की टीम ने अहम भूमिका निभाई। आयोजन समिति की प्रमुख सदस्यों श्रीमती वंदना तिवारी, श्रीमती कनक दुबे, विजेता शर्मा, श्रीमती संगीता मिश्रा, श्रीमती उर्मिला शुक्ला, टीनू दीवान, श्रीमती प्रीति शर्मा, श्रीमती गीता तिवारी, श्रीमती भारती शर्मा एवं पूरी टीम का विशेष योगदान रहा।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में समाजजन, महिला शक्ति, युवा ब्राह्मण, वरिष्ठजन एवं सर्व समाज के लोग उपस्थित रहे।
आयोजन में शामिल श्रीमती मौसमी शर्मा ने समाज द्वारा दिए गए सम्मान के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भविष्य में भी इसी प्रकार के भव्य और सांस्कृतिक कार्यक्रम समाज को एकजुट करते रहेंगे।









































