राजनांदगांव : बैज का बयान न सिर्फ हास्यास्पद वरन दिमागी दिवालियापन – मधु…

हर घर तिरंगा पर बैज के बिगड़ेबोल, मधु ने किया पलटवार

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आर.एस.एस. की राष्ट्र के प्रति निष्ठा एवं समर्पण निर्विवाद है – मधु

राजनांदगांव । पूर्व सांसद एवं प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष मधुसूदन यादव ने प्रदेश सरकार द्वारा किये जा रहे तिरंगा यात्रा के विरोध में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज द्वारा दिये गये बयान को दुर्भाग्यपूर्ण, चाटुकारिता एवं मतांधता बताया है।

उन्होंने शुक्रवार को राजनांदगॉव प्रवास के दौरान प्रदेश सरकार द्वारा चलाये जा रहे हर घर तिरंगा और तिरंगा यात्रा को लेकर दिये गये श्री बैज के बयान को उनकी अज्ञानता करार देते हुए कहा है कि गत वर्ष आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आर.एस.एस. प्रमुख मोहन भागवत द्वारा संघ कार्यालय नागपुर में तिरंगा झंडा फहराया गया था, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर आसानी से उपलब्ध है। आर.एस.एस. कार्यालय में राष्ट्रीय ध्वज ना फहराने को लेकर दिये गये बयान की निंदा करते हुए प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष ने इसे हास्यास्पद,

दिमागी दिवालियापन और जानकारी का अभाव बताते हुए कहा है कि श्री बैज को ज्ञान नहीं है कि आर.एस.एस. कोई शासकीय या राजनैतिक संगठन नहीं वरन राष्ट्र की सेवा के लिये समर्पित सेवाभावी राष्ट्रवादियों का संगठन है, जिसका राष्ट्र के प्रति निष्ठा एवं समर्पण निर्विवाद है। पूर्व संासद ने श्री बैज से प्रश्न किया है कि जितनी सरलता से आर.एस.एस. कार्यालय में तिरंगा नहीं फहराये जाने पर आपने प्रश्न उठा दिया, उतनी ही आसानी से किसी अन्य समुदाय विशेष के संस्थानों में भी तिरंगा नहीं फहराये जाने पर टिप्पणी करने का साहस आप में है क्या ?

पूर्व सांसद ने कहा है कि प्रत्येक देशवासी की शान, प्यार, समर्पण का प्रतीक तिरंगा झंडा सिर्फ तीन रंगों के मिलन से बना झंडा नहीं है वरन, यह त्याग और गर्व का प्रतीक है, जो हमें धर्म और जाति से उपर उठकर उसके नीचे मिलजुलकर रहने के लिये प्रेरित करता है, जिसे फहराने के लिये देश ने लाखों कुर्बानियॉ दी है। श्री बैज की बातों में ऐसा घमंड है मानो आजादी की ठेकेदार उनकी ही पार्टी है।

बताने की जरूरत नहीं है कि आजादी के लिये किये गये तथाकथित संघर्ष की कीमत भारत देश ने तीन टुकड़ों में विभक्त होकर अदा की है और उस वक्त विभाजन की त्रासदी और नरसंहार जो पूरे देश ने देखा और महसूस किया, उसका जिम्मेदार कौन है, यह भी श्री बैस को स्पष्ट करना चाहिये। देश विभाजन के बाद सामरिक, पर्यटन एवं उत्पादन की दृष्टि से महत्वपूर्ण कई सीमावर्ती क्षेत्रों को म्यांमार, श्रीलंका, चीन को क्यांे दान मंे दे दिया गया, यह कांग्रेस पार्टी को देश को बताना चाहिये।

जहॉ तक आवारा पशुओं को खुले में छोड़ने की बात है, तो पशुपालकों में इस प्रवृत्ति को बढ़ावा पूर्ववर्ती कांग्रेस शासनकाल में ही हुआ है, जब केन्द्र की भारीभरकम राशि गौठान, नरवा, घुरवा की आड़ में बंदरबॉट किया गया था। यदि योजनाबद्ध तरीेके और ईमानदारी से गौठान का निर्माण होता तो मवेशी गौठान में होते । आज गौठानो की हालत किसी से छिपी नहीं है।

अंत में उन्होंने श्री बैज को सुझाव दिया कि सांसद, विधायक जैसे संवैधानिक पद पर रह चुके व्यक्ति को तिरंगा झंडे की शान में किये जा रहे कार्यो के विरोध से बचने के साथ ही, परिवार विशेष के चाटुकारिता और चापलूसी से बचकर, हर घर तिरंगा जैसे राष्ट्रवादी कार्यक्रम से जुड़कर देशभक्ति की अलख जगाना चाहिये।