
राजनांदगांव चिखली शीतला मंदिर प्रांगण में आयोजित श्रीमद् देवी भागवत एवं नवरात्रि के प्रथम दिन में ही व्यास मंच पर विराजमान
अभिषेक कृष्ण शास्त्री ने श्रीमद् देवी भागवत कथा के प्रथम दिवस पर ही कहा है कि देवी भागवत महात्म्य का महत्व और लाभ जानने के लिए इसे सुनना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जब तक आप इसे नहीं सुनते, तब तक आपको पता नहीं चलेगा कि इसको सुनने से क्या मिलता है देवी भागवत पुराण मनुष्य मात्र के लिए सुलभ है,

और इसका अध्ययन करने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ सकते हैं इस पुराण में देवी की महिमा और उनके अवतारों का वर्णन किया गया है, जो हमें जीवन के सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है और मां शैलपुत्री की कथा सुनाई। उन्होंने बताया कि प्रेम और समर्पण से ही देवी की पूजा और दर्शन प्राप्त होते हैं मां शैलपुत्री हिमालय राज की बेटी हैं, और उनका नाम शैलपुत्री इसलिए पड़ा क्योंकि वे हिमालय की पुत्री हैं। हम मां शैलपुत्री को देवी के प्रथम रूप में पूजते हैं श्रीमद् देवी भागवत में उल्लेख है कि मां शैलपुत्री के दर्शन मात्र से ही कल्याण होता है।
देवी का पूजन करने से तन और मन की शुद्धि होती है। देवी के प्रति समर्पण भाव रखने वाला कभी भी नरक में नहीं जाता, बल्कि वह देवी के धाम में ही पहुंच जाता है पंडित अभिषेक कृष्ण शास्त्री ने कहा कि देवी के रूप में सबसे पहले हमें कन्या का पूजन करना चाहिए और नारी का सम्मान करना चाहिए,यह कथा को सभी ने बड़े भाव से सुना और सभी ने यह भी जाना की समर्पण क्या है,इस कथा में सैकड़ो श्रद्धालु भक्तगण मौजूद थे जिन्होंने कथा श्रवण कर सुंदर माता रानी की आरती किए तत्पश्चात प्रसाद ग्रहण कर माता रानी से आशीर्वाद भी प्राप्त किए,,,,,,