राजनांदगांव : शहर में अक्षय तृतीया के एक दिन पूर्व रोका गया बाल विवाह….

राजनांदगांव महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा विकासखंड राजनांदगांव के गांव में अक्षय तृतीया के एक दिन पूर्व होने वाले बाल विवाह को रोका गया। शहर के एक परिवार द्वारा अक्षय तृतीया के दिन अपनी 14 वर्षीय सुपुत्री का विवाह विकासखंड राजनांदगांव के एक गांव के बालिग लड़के के साथ होने वाला था। जिसकी जानकारी मिलने पर जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्रीमती रेणु प्रकाश ने बाल विवाह रोकथाम दल को जांच के लिए भेजा। टीम के द्वारा विवाह स्थल में पहुंचकर जन्म प्रमाणन के संबंध में दस्तावेजों की जांच की गई।

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बालिका के स्कूल प्रमाण पत्र के अनुसार बालिका की आयु 14 वर्ष 7 माह 5 दिन होना पाया गया। बाल विवाह रोकथाम दल द्वारा परिजनों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधानों तथा दण्ड के संबंध में जानकारी दी गई। दल द्वारा बताया गया कि बाल विवाह कानूनन जुर्म है तथा बाल विवाह करने वाले बालिग वर तथा बाल विवाह कराने वालों को 2 वर्ष का कारावास दण्ड का प्रावधान है।


परियोजना अधिकारी रीना ठाकुर ने उन्हें कम आयु में विवाह करने से बालिका के सेहत में पडऩे वाले कुप्रभाव के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कम उम्र में शादी होने पर जच्चा-बच्चा के सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है। कम उम्र में बच्चे के जन्म होने पर कमजोर एवं कुपोषित होने की संभावना होती है तथा बाल विवाह होने पर मातृ-मृत्यु होने का खतरा भी होता है, इसलिए कम उम्र में विवाह नहीं करना चाहिए।

बाल विवाह रोकथाम दल द्वारा समझाईश देने के बाद वधु एवं अभिभावक एवं परिजन बाल विवाह नहीं करने के लिए सहमत हुए। जिसके आधार पर टीम द्वारा पंचनामा तैयार कर उपस्थित सभी लोगों से हस्ताक्षर लिया गया।

बाल विवाह रोकथाम दल में राजनांदगांव शहरी परियोजना अधिकारी सह बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी रीना ठाकुर, पर्यवेक्षक शहरी परियोजना राजनांदगांव दिव्या तिवारी, जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास विभाग से विनोद जंघेल, सरंक्षण अधिकारी किशन देवांगन, परामर्शदाता संतोष केंवट, आउटरिच वर्कर पुरूषोत्तम सिदार, पुलिस विभाग तथा चाईल्ड लाईन से महेश साहू, समन्वयक रूकमणी साहू, जिला बाल सरंक्षण अधिकारी चन्द्रकिशोर लाड़े शामिल थे।