राजनांदगांव: सभी बालिका गृह में महिला कर्मचारियों की ही करें नियुक्ति- कलेक्टर…

राजनांदगांव 28 सितम्बर 2021। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा की अध्यक्षता में आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में महिला एवं बाल विकास विभाग की एकीकृत बाल संरक्षण योजना अंतर्गत गठित जिला बाल संरक्षण समिति, जिला स्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी एवं जिला स्तरीय टॉस्क फोर्स की बैठक आयोजित की गई।

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कलेक्टर सिन्हा ने कहा कि किशोर न्याय अधिनियम 2015 एवं नियम 2016 के प्रावधानों का कड़ाई से पालन करते हुए बाल संप्रेक्षण गृहों का संचालन करें। बाल संप्रेक्षण गृह में सुरक्षात्मक व्यवस्था की मॉनिटरिंग के लिए पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे संचालित करें। कैमरा बंद होने की स्थिति में तत्काल मरम्मत कराई जाए। बाल संप्रेक्षण गृहों में तैनात सुरक्षागार्ड गंभीरतापूर्वक निगरानी रखें। सभी बालिका गृह में महिला कर्मचारियों की ही नियुक्ति होनी चाहिए।

उन्होंने सुरक्षात्मक व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती सुरेशा चौबे एवं डीएसपी श्रीमती नेहा वर्मा को समय-समय पर संस्थाओं के निरीक्षण के निर्देश दिए। साथ ही महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यक्रम अधिकारी एवं जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी तथा जिला बाल संरक्षण अधिकारी को गृहों के सतत निगरानी करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिले के सभी स्कूलों के शिक्षकों को लैंगिक अपराधों से बालकों को संरक्षण प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण देने प्रत्येक विकासखण्ड के दस-दस शिक्षकों एवं विकासखण्ड शिक्षा तथा सहायक शिक्षा अधिकारियों को मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार करने कहा। इसके बाद उनके द्वारा संकुल स्तर पर शेष सभी शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाए।

उन्होंने गुमशुदा बच्चों की पतासाजी त्वरित गति से करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एकीकृत बाल संरक्षण योजनांतर्गत आयोजित होने वाले प्रशिक्षणों में चाईल्ड लाईन के कर्मचारियों को प्रशिक्षकों के रूप में सम्मिलित की जाए।

जिला बाल संरक्षण अधिकारी चन्द्रकिशोर लाड़े ने बताया कि एकीकृत बाल संरक्षण योजना के तहत विधि से संघर्षरत, देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बालक तथा बालिकाओं के लिए पृथक-पृथक गृह संचालित है। इसके अलावा दत्तक ग्रहण एजेंसी का भी संचालन किया जा रहा है। इस एजेंसी के माध्यम से दत्तक ग्रहण योग्य बालकों को बालक कल्याण समिति द्वारा लीगल फ्री होने के बाद दत्तक ग्रहण विनियम 2017 के प्रावधानों के तहत दत्तक में दिया जाता है। जिसकी मॉनिटरिंग विभाग द्वारा नियमित रूप से की जा रही है।

बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती सुरेशा चौबे, आयुक्त नगर निगम आशुतोष चतुर्वेदी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी, छत्तीसगढ़ बाल अधिकार संरक्षण आयोग के भूतपूर्व सदस्य शरद श्रीवास्तव, विपिन ठाकुर, सदस्य न्याय बोर्ड किशोर, सदस्य बालक कल्याण समिति श्रीमती इन्दू साहू, किशोर न्याय बोर्ड एव बालक कल्याण समिति के सदस्य, स्वैच्छिक संगठन के प्रतिनिधि तथा बाल देखरेख संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं जिला बाल संरक्षण इकाई, महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।