राजनांदगांव/ छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा का प्रतीक मड़ई मेले का आयोजन दीपावली के बाद भाई दूज के दिन से राजनांदगांव में शुरू हो गया है. राजनांदगांव के काली माई मंदिर के पास भरकापारा में हर साल की तरह इस मेला का आयोजन किया गया जो कि सौ साल से पुरानी परम्परा रही है । इस मंडई मेला मे सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल होकर मेले का आनंद लिये ।
यह मड़ई मेला काली मंदिर समिति के द्वारा आयोजित किया जाता है और इसे छत्तीसगढ़ के सभी मड़ई मेलों का शुभारंभ माना जाता है ऐसा माना जाता है कि इस मड़ई मेले को प्रदेश का पहला मड़ई मेला है, जिसके बाद छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों में इसी परंपरा के अंतर्गत मड़ई मेलों का आयोजन होता है।मेले के आयोजको का कहना है कि मड़ई मेला हमारे पूर्वजों की परंपरा का हिस्सा है और यह मेला पूरी तरह निशुल्क होता है. यहां कोई भी व्यक्ति अपने स्टॉल निशुल्क रूप से लगा सकता है
मड़ई मेले में लोगों के मनोरंजन के लिए विभिन्न झूले स्टॉल और खानपान के ठेले लगाए गए थे शहर सहित दूर-दूराज से आए लोग यहां मां काली और अन्य देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की जिसके बाद मेले का विधिवत शुभारंभ किया गया जहा लोगो ने मंडई मेला का लुफ्त उठाया ।