राजनांदगांव : सुंदरा अस्पताल के लाइसेंस को एक माह के लिए निलंबित….

राजनांदगांव महामारी के इस नाजुक हालात के बीच रेमडेसीविर इंजेक्शन के उपयोग में मनमानी और इलाज के बदले लंबा चौड़ा बिल मरीजों को थमाना सुंदरम मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल प्रबंधक को भारी पड़ गया । जांच के बाद कलेक्टर टीके वर्मा के निर्देश पर सीएमएचओ डॉ मिथिलेश चौधरी ने सुंदरा मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के लाइसेंस को प्रशासन द्वारा एक माह के लिए सस्पेंड कर दिया गया है।

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उल्लेखनीय है कि सुंदरम मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में रेमडेसीविर इंजेक्शन की खरीदी में मनमानी किए जाने की शिकायत सामने आई थी इसकी लिखित शिकायत विधायक दिलेश्वर साहू ने कलेक्टर से की थी उन्होंने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। जिसके बाद प्रशासन की टीम द्वारा अस्पताल में दबिश देकर जांच पड़ताल की गई थी। इस दौरान मरीजों को प्रबंधन द्वारा मनमाने दर पर इंजेक्शन लगाने की बात सामने आई , व इंजेक्शन के उपयोग का फर्जी हिसाब-किताब बनाया गया था ।

यही नहीं जांच में मरीजों से अधिक बिल वसूली की बात भी सही पाई गई । इस तमाम कारण और मामले में चौतरफा दबाव के चलते प्रशासन द्वारा आखिर कार्रवाई की गई। स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पताल को 60 बेड पर कोविड और 40 बेड में अन्य मरीजों के इलाज की अनुमति दी गई थी । लेकिन प्रबंधन द्वारा 75 बेड में कोविड इलाज करना पाया गया।

नए मरीज की नहीं होगी भर्ती

प्रशासन द्वारा जारी किए गए आदेश में अस्पताल के लाइसेंस को 1 माह के लिए निलंबित करते हुए इस दौरान नए मरीज की भर्ती नहीं किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

इंजेक्शन की आड़ में डबल वसूली

प्रशासन द्वारा निजी अस्पतालों को रेमडेसीविर इंजेक्शन 2 से 3 हजार तक उपलब्ध कराई गई है । लेकिन सुंदरा अस्पताल प्रबंधन द्वारा मरीजों से 52000 रूपए तक की वसूली की गई है यही नहीं कंपनी से सीधे खरीदी किए जाने के बात कर प्रबंधन खुद ही सवालों में घिर गया जिसके चलते कड़ी कार्रवाई की गई है।