रायगढ़/ रायगढ़ जिले के औद्योगिक क्षेत्र पूंजीपथरा-तराईमाल बंजारी माता मंदिर स्थित सिंघल कम्पनी के द्वारा कॉलवासरी सह पावर जनरेशन की पर्यावरणीय जन सुनवाई दिनांक 28 जुलाई 2021 को नियम विरुद्ध ढंग से सम्पन्न हुई। इस अनैतिक जनसुनवाई को सम्पन्न कराने में रायगढ़ जिला प्रशासन की भूमिका पूर्णतः संदिग्ध रही।
पहले तो सिंघल कंपनी यह जनसुनवाई रायगढ़ जिले के तमनार विकासखंड में बंजारी मंदिर स्थल पर दिनांक 28 जुलाई समय 11 बजे चालू की गई जो बिना पूर्व सूचना के 2 घण्टे में ही खत्म कर दी गई । सब कुछ पीठासीन अधिकारी के निर्देश पर हुआ ताकि यहां उपस्थित प्रभावित क्षेत्र के सैकड़ो ग्रामीण लोग अपनी बात अपने क्षेत्र में हो रही पर्यावरणीय समस्याओ के अलावाआने वाले समय में वहां की हालातों को लेकर कुछ कह न पाएं।
उद्योग प्रबंधन के हाथों बिके हुए जिला प्रशासन की उंक्त कार्यवाही से दूर-दराज से यहां आए उद्योग प्रभावित सैकड़ों ग्रामीण अपनी बात प्रशासन और उद्योग प्रबंधन के सामने रख नही पाएं।
सामाजिक और पर्यावरणीय कार्यकर्ता उक्त फ़र्ज़ी जनसुनवाई का विरोध करने यहाँ आये भी उनसे अधिकारियों ने सड़क पर ही आवेदन लिया। अंचल के सुविख्यात समाजिक कार्यकर्ता राजेश त्रिपाठी ने इस जनसुनवाई को रायगढ़ जिले में अब तक इस तरह पहली बार सम्पन्न हुई अपने तरीके की सबसे घृणित और अवैधानिक जन सुनवाई बताया।
त्रिपाठी का कहना है कि अब वो केंद्र और राज्य सरकार से मांग करेंगे कि आज जिला प्रशासन की गुंडागर्दी से सम्पन्न कराई गई उक्त जनसुनवाई को निरस्त करें, यहां प्रभावित क्षेत्र के लोगों को अपनी बात कहने का पर्याप्त अवसर प्रदान नहीं किया गया है ।
वही पर्यावरण प्रेमी बजरंग अग्रवाल ने आज सम्पन्न हुई सिंघल इस्पात की अवैध जनसुनवाई को जिले की तमाम औद्योगिक जनसुनवाईयों के इतिहास में काला दिन बताया। उंन्होने शासन से मांग की है कि सिंघल इस्पात की गैर-कानूनी जन सुनवाई को तत्काल प्रभाव से निरस्त करें।