सुकमा: मदर एंड चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम से हो रही गर्भवती महिलाओं की सतत् माॅनिटरिंग,संस्थागत प्रसव सुनिश्चित करने बनाए गए है कॉल सेंटर…

सुकमा- सुकमा जिले के गांव सुदूर क्षेत्रों में घने जंगलों के बीच बसे हुए है, जहां पहुंचने के लिए काफी मशक्कत उठानी पड़ती है। स्वास्थ्य कर्मचारी इन दूरस्थ क्षेत्रों में जाकर स्वास्थ्य सेवाएं ग्रामीणों तक पहुंचा रहे हैं, मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के तहत स्वास्थ्य अमले ने पहूंचविहीन क्षेत्रों में जाकर ग्रामीणों का मलेरिया जांच किया और उन्हें दवा सहित आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। वहीं दूरस्थ क्षेत्रों की गर्भवती महिलाओं को भी संस्थागत प्रसव के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

Advertisements


इसी कड़ी में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आरसीएच पोर्टल बनाया गया है जिसके तहत गर्भवती महिलाओं तथा शिशुओं को उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। पोर्टल के अन्तर्गत मदर एंड चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम के द्वारा फोन के माध्यम से जिले के सभी उपस्वास्थ्य केन्द्रों को जिला चिकित्सालय से जोड़ा गया है, इससे गर्भवती महिलाओं की सतत् मॉनिटरिंग की जाती है और प्रसव पूर्व उन्हें नजदीकी उपस्वास्थ्य केंद्र या जिला चिकित्सालय में दाखिल कराया जाता है।


आर सी एच पोर्टल के अन्तर्गत जिले के समस्त लक्ष्य दंपत्ति, समस्त गर्भवती महिलाओं एवं समस्त जन्मे बच्चों का पंजीयन और उन्हें मिलने वाली सभी स्वास्थ्य सेवाओं का विवरण होता है। इस विवरण के आधार पर एक लिस्ट तैयार की जाती है जिसमे जिले में संचालित समस्त उपस्वास्थ्य केंद्र में पंजीकृत महिलाओं की जानकारी, उनके संभावित प्रसव तिथि के आधार पर सूचीबद्ध होती है। इसी सूची के आधार पर जिला चिकित्सालय द्वारा संबंधित उपस्वास्थ्य केंद्र के एएनएम को फोन के माध्यम से गर्भवती महिला की संभावित प्रसव तिथि के बारे में सूचित किया जाता है या उक्त गर्भवती महिला की जानकारी ली जाती है। जिन भी गर्भवती महिला की संभावित प्रसव तिथि एक सप्ताह या दस दिवस के भीतर हो उन्हें एक सप्ताह पूर्व उपस्वास्थ्य केंद्र में दाखिल कराया जाना सुनिश्चित किया जाता है ताकि गर्भवती महिला को उचित स्वास्थ्य सेवाएं, देखभाल और पौष्टिक आहार उपलब्ध किया जा सके। साथ ही सुरक्षित संस्थागत प्रसव हो सके, इससे जच्चा और बच्चा दोनों ही सुरक्षित एवं स्वस्थ परिवेश में रहे।


दूरस्थ क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं का प्रसव दाई द्वारा घर पर ही करने का प्रचलन देखा गया है जिससे प्रसव उपरान्त उचित स्वास्थ्य सेवा के अभाव में माता एवं नवजात दोनों को ही संक्रमण का खतरा बना रहता है। अब जिला चिकित्सालय से संचालित होने वाले मदर एंड चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम की बदौलत अब सुदूर क्षेत्रों की गर्भवती महिलाओं को भी संस्थागत प्रसव के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, साथ ही उन्हें समय पर जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही है जिससे जिले में सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित हो रही है।