राजनांदगांव: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अंतर्गत खाद्य गोदाम निर्माण से मिल रहा किसानों को लाभ…

राजनांदगांव- 08 जनवरी 2021। शासन की राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना अंतर्गत खाद्य गोदाम निर्माण का लाभ जिले के किसानों को मिला रहा है। शासन द्वारा किसानों को कृषि उत्पादों के भंडारण एवं विपणन को बढ़ावा देने एवं बाजार मूल्य के अनुसार फसल उत्पाद को विक्रय कर अतिरिक्त लाभ कमाने के लिए खाद्य गोदाम सहायक हो रही है। जिले में अब तक 65 से अधिक किसानों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन अंतर्गत खाद्य गोदाम निर्माण से लाभान्वित किया जा चुका है। ऐसे किसान जिनके पास कम से कम 1 हेक्टेयर या उससे अधिक कृषि क्षेत्र है। उन किसानों को योजनांतर्गत खाद्य गोदाम निर्माण में कीमत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 1.50 लाख रूपये अनुदान दिया जा रहा है। योजना का मुख्य उद्देश्य कृषि उत्पादों का प्रतिकूल मौसम में भंडारण, बाजार मूल्य के अनुसार उत्पादों का विक्रय एवं लंबे समय तक फसल उत्पाद को सुरक्षित रखते हुए अतिरिक्त लाभ एवं अधिक मूल्य प्राप्त करना है।

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विकासखंड राजनांदगांव ग्राम बुंदेलीकला के किसान श्री बैजुराम वर्मा ने खाद्य गोदाम योजना का लाभ उठाते हुए कृषि प्रक्षेत्र में खाद्य गोदाम का निर्माण किया है। जिसका लाभ उन्हें सोयाबीन, चना, गेहूं एवं धान की फसल के भंडारण में हुआ। उन्होंने अपने गोदाम में सभी फसलों में उत्पादन के अतिरिक्त मात्रा का भंडारण कर मंडी में मूल्य वृद्धि होने के पश्चात् विक्रय करने से प्रति क्विंटल 400 से 500 रूपए लाभ प्राप्त किया है। पूर्व में किसान के पास भंडारण की किसी प्रकार की सुविधा नहीं होने के कारण कोचियों को अपने उत्पाद का विक्रय कम मूल्य में करना पड़ता था। बेमौसम वर्षा के कारण होने वाले जोखिमों का सामना भी किसान को करना पड़ता था। मौसम में बदलाव से अतिरिक्त नमी होने के कारण सोयाबीन एवं धान खराब हो जाते थे, जिससे दानों की गुणवत्ता भी खराब हो जाती थी इसके कारण बाजार मूल्य भी कम प्राप्त होता था।

किसान श्री वर्मा अपने गोदाम में अन्य किसानों के फसल उत्पादों को भंडारण कर अतिरिक्त लाभ प्राप्त कर रहे है। किसान श्री वर्मा अपने कृषि यंत्र एवं औजार, उर्वरक एवं खाद्य का भी भंडारण अपने खाद्य गोदाम में सुरक्षित रूप से करते है। उप संचालक कृषि श्री जीएस धुर्वे द्वारा खाद्य गोदाम का निरीक्षण किया गया एवं किसानों को फसल के दानों को उचित नमी में ही भंडारण करने की सलाह दी गई। उन्होंने धान्य फसलों को 10 से 12 प्रतिशत नमी एवं तिलहन फसलों को 12 से 15 प्रतिशत की नमी स्तर पर भंडारण करने की सलाह दी। जिससे लंबे समय तक कीट एवं बीमारियों से सुरक्षित किया जा सकता है। किसानों को सलाह दी गई कि फसल कटाई के बाद गोदाम में उत्पादों को तुरंत मंडियों में विक्रय न कर कुछ समय बाद जब मूल्य वृद्धि हो तब करना चाहिए जिससे किसानों को अतिरिक्त लाभ प्राप्त हो सकें।