राजनांदगांव: कलेक्टर ने गणेशोत्सव के लिए जारी आदेश में किया संशोधन…

राजनांदगांव 07 सितम्बर 2021। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी तारन प्रकाश सिन्हा ने नोवेल कोरोना वायरस संक्रमण के नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु आगामी माह में आने वाले त्यौहारों के कारण कोरोना पॉजिटिव प्रकरणों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए इसके नियंत्रण के लिए आदेश जारी किया था। जिसमें आंशिक संशोधन किया गया है।

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आदेश में कहा गया है कि गणेशोत्सव के संबंध में मूर्ति की ऊंचाई अधिकतम 8 फीट होगी परन्तु पीओपी (प्लास्टर ऑफ पेरिस) से निर्मित मूर्ति बिक्री एवं स्थापित किया जाना प्रतिबंधित रहेगा। मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15*15 फीट से अधिक न हो। पंडाल के सामने कम से कम 1000 वर्गफीट की खुली जगह हो। पंडाल एवं सामने खुली जगह में कोई भी सड़क अथवा गली का हिस्सा प्रभावित न हो।

मंडप, पंडाल के सामने दर्शकों के बैठने हेतु पृथक से पंडाल न हो, दर्शकों एवं आयोजकों के बैठने हेतु कुर्सी नहीं लगाई जाएगी। किसी भी एक समय में मंडप एवं सामने मिलाकर 20 व्यक्ति से अधिक न हों। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति एक रजिस्टर संधारित करेगी। जिसमें दर्शन हेतु आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम, पता, मोबाईल नंबर दर्ज किया जाएगा, ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने पर कान्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके। मूर्ति दर्शन अथवा पूजा में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नहीं जाएगा। ऐसा पाए जाने पर संबंधित एवं समिति के विरूद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति, समिति द्वारा सेनिटाईजर, हैण्डवाश की व्यवस्था की जाएगी।

कोरोना से संबंधित कोई भी सामान्य व विशेष लक्षण पाए जाने पर पंडाल में प्रवेश नहीं दिये जाने की जिम्मेदारी समिति की होगी। कोरोना प्रोटोकाल का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए। व्यक्ति अथवा समिति द्वारा फिजिकल डिस्टेंसिंग आगमन एवं प्रस्थान की पृथक से व्यवस्था बांस-बल्ली से बेरिकेटिंग कराकर किया जाएगा। कंटेनमेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी। यदि पूजा की अवधि के दौरान भी उपरोक्त क्षेत्र कंटेनमेंट जोन घोषित हो जाता है, तो तत्काल पूजा समाप्त करनी होगी। मूर्ति स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात् किसी भी प्रकार की भोजन, भण्डारा, जगराता अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं होगी।

मूर्ति स्थापना के समय, स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय, विसर्जन के पश्चात् किसी भी प्रकार के वाद्य यंत्र, ध्वनि विस्तारक यंत्र, डीजे बजाने की अनुमति संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी से लिया जाना आवश्यक होगा। मूर्ति स्थापना, विसर्जन के दौरा प्रसाद, चरणामृत या कोई भी खाद्य अथवा पेय पदार्थ वितरण की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए एक से अधिक वाहन की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए पिकअप, टाटा एस से बड़े वाहन का उपयोग प्रतिबंधित होगा।

मूर्ति विसर्जन के वाहन में किसी भी प्रकार की अतिरिक्त साज-सज्जा, झांकी की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए 10 से अधिक व्यक्ति नहीं जा सकेंगे एवं वे मूर्ति के वाहन में ही बैठेंगे। पृथक से वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए प्रयुक्त वाहन पंडाल से लेकर विसर्जन स्थल तक रास्ते में कहीं रोकने की अनुमति नहीं होगी। विसर्जन के लिए नगर निगम द्वारा निर्धारित रूट, मार्ग, तिथि एवं समय का पालन करना होगा। शहर के व्यस्त मार्गों से मूर्ति विसर्जन वाहन को ले जाने की अनुमति नहीं होगी।

विसर्जन मार्ग में कहीं भी स्वागत, भण्डारा, प्रसाद वितरण पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी। सूर्यास्त के पश्चात् एवं सूर्योदय के पहले मूर्ति विसर्जन के किसी भी प्रकिया की अनुमति नहीं होगी। उपरोक्त शर्तों के साथ घरों में मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी, यदि घर से बाहर मूर्ति स्थापित किया जाता है, तो कम से कम 7 दिवस के पूर्व नगर पालिक निगम कार्यालय में आवेदन देना होगा एवं अनुमति प्राप्त होने के उपरान्त ही मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी।

इन सभी शर्तों के अतिरिक्त भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय एवं राज्य शासन के द्वारा समय-समय पर जारी निर्देश, एसओपी का पालन अनिवार्य रूप से किया जाना होगा। यह निर्देश तत्काल प्रभावशील होगा तथा निर्देश के उल्लंघन करने पर संबंधित के विरूद्ध एपिडेमिक डिसीज एक्ट एवं विधि अनुकूल नियमानुसार अन्य धाराओं के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।