राजनांदगांव : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर ग्राम सोनेसरार की आस्था संकुल संगठन को विज्ञान भवन दिल्ली में आत्मनिर्भर संगठन पुरस्कार से किया जाएगा सम्मानित…

  • स्वसहायता समूह की महिलाएं गौठानों से जुड़कर आर्थिक गतिविधियों से राष्ट्रीय स्तर पर बनाई अपनी पहचान
  • आजीविका की ओर कदम बढ़ाकर स्वसहायता समूह की महिलाएं प्राप्त कर रही सफलता

राजनांदगांव – आत्मनिर्भरता की मिशाल पेश करती स्वसहायता समूह की महिलाएं आज कदम से कदम मिलाकर ऊंचाईयों को छू रही है। स्वसहायता समूह से जुड़कर महिलाओं ने आजीविका की ओर कदम बढ़ाया और सफलता को प्राप्त करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई।

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जिले के डोंगरगांव विकासखंड के ग्राम सोनेसरार की आस्था संकुल संगठन की स्वसहायता समूह की महिलाओं का कार्य न केवल राज्य में बल्कि पूरे देश में सराहा जा रहा है। 8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आस्था संकुल संगठन को उत्कृष्ट कार्य के लिए दिल्ली के विज्ञान भवन में आत्मनिर्भर संगठन पुरस्कार से नवाजा जाएगा। प्रदेश के स्वसहायता समूह द्वारा गठित संकुल संगठन को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा के मार्गदर्शन में जिले की स्वसहायता समूह की महिलाएं गौठानों से जुड़कर आर्थिक गतिविधियां कर आजीविका की ओर कदम बढ़ाते हुए इसमें सफल भी हो रही है।


आस्था संकुल संगठन के गठन के पश्चात क्षेत्र अंतर्गत 17 ग्राम पंचायतों में 23 ग्राम संगठन और 443 स्वसहायता समूह जुड़े है। जिनमें कुल 4 हजार 842 ग्रामीण महिला सदस्य शामिल है। आस्था संकुल संगठन ने खान-पान, पोषण, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता से आजीविका की ओर कदम रखा है। आस्था संकुल संगठन ने इस दिशा में 2300 परिवारों में किचन गार्डन कर सब्जी उत्पादन के लिए प्रेरित किया।

जिसमें 605 परिवारों को बाजार मूल्य से कम दर पर उन्नत सब्जी बीज उपलब्ध कराया है। संकुल क्षेत्र अंतर्गत 2300 परिवारों द्वारा स्वयं के किचन गार्डन में 6500 क्ंिवटल से अधिक विभिन्न सब्जियों जैसे टमाटर, भींडी, भाटा, करेला, लौकी, गोभी आदि का जैविक पद्धति से उत्पादन किया गया। इस गतिविधि से उत्पादित सब्जियों को न केवल परिवारों में खाने के लिए उपयोग किया गया, बल्कि सुपोषण के लिए किशोरी बालिकाओं, गर्भवती महिलाओं, नवविाहिताओं एवं दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को भी प्रदान किया गया।

इस गतिविधि से संकुल संगठन को आर्थिक लाभ भी हुआ। आस्था संकुल संगठन अंतर्गत सभी 443 स्व सहायता समूहों को चक्रिय निधि से 66 लाख 45 हजार रूपए, 261 समूहों को 1 करोड़ 56 लाख 6 हजार रूपए का सामुदायिक निवेश निधि एवं 387 समूहों को 9 करोड़ 84 लाख रूपए का बैंक ऋण पिछले 3-4 वर्षों में प्राप्त हुआ है।

संकुल संगठन अंतर्गत स्व सहायता समूहों के सदस्य विभिन्न आजीविका गतिविधियों से अपना जीवन स्तर बदल रही है। संगठन की महिलाएं संवहनीय कृषि, सब्जी उत्पादन, सेनीटरी नैपकिन, ई-रिक्शा, बैंक सखी जैसे कार्यों में संलग्न है। इसके साथ ही आस्था संकुल संगठन की महिलाओं द्वारा कोविड-19 नियमों की जागरूकता के लिए कार्य किया गया।