राजनांदगांव। शिक्षकों की पदोन्नति और पदस्थापना का विवाद अब तक नहीं सुलझा है। जिले के करीब सात सहायक शिक्षकों ने पदोषति का विरोध करते हुए ज्वाइंग नहीं दी है जिसके कारण उन शालाओं में पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है। अब ऐसे सहायक शिक्षकों को पदोन्नति निरस्त करने को कार्यवाही होने वाली है। अर्थात विभाग ने इन पदोन्नति में त्रुटियों को स्वीकार किया है।
गौरतलब है कि विगत अक्टूबर माह में बड़ी संख्या में जिले के सहायक शिक्षकों की प्रधान पाठक पद पर पदोन्नति की गई थी जिसमें नियमों को अनदेखी को लेकर जमकर बवाल हुआ था। सहायक शिक्षकों ने नए सिरे से पदोन्नति सूची जारी करने की मांग की थी। लेकिन डीईओ कार्यालय ने ऐसा करने से मना कर दिया था और असंतुष्ट सहायक शिक्षकों से नई जगह के लिए आवेदन मंगाया गया था
उनके आवेदन पर कार्यवाही कर नए स्थानों का आवंटन किया गया था। तब कई सहायक शिक्षकों ने ज्वाइनिंग दे दी थी। लंबे समय बाद उनकी पदोन्नति हुई थी जिसमें उनका वेतन पांच से छह हजार रूपये बढ़ा था। इसलिए उन्होंने प्रधान पाठक पद पाने और बढ़ा हुआ वेतन लेने के लिए ज्वाइनिंग दे दी थी, लेकिन करीब सात सहायक शिक्षकों ने अभी तक ज्वाईनिंग नहीं दी है। उनका कहना है कि पदोन्नति त्रुटिपूर्ण है। और इसे निरस्त किया जाए और नए सिरे से पदोन्नति दी जाए।
अब डीईओ कार्यालय इन सहायक शिक्षकों की पदोन्नति को निरस्त करने वाला है। विभाग अब मान रहा है कि उनकी पदोन्नति नियमानुसार नहीं थी अन्यथा वह इन सहायक शिक्षकों को ज्वाईनिंग देने के लिए नोटिस जारी नहीं करता है। उधर नाराज सहायक शिक्षक भी विभाग के इस निर्णय के खिलाफ शासन- प्रशासन से शिकायत करने की तैयारी कर रहे हैं।