VISION TIMES: छत्तीसगढ़ विधानसभा का ऐतिहासिक दिन पुराने भवन में आखिरी बार गूंजा सदन…

छत्तीसगढ़ विधानसभा का आज का विशेष सत्र इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। रायपुर स्थित पुराने विधानसभा भवन में अंतिम बार सदन की कार्यवाही आयोजित की गई, जहां पिछले 25 वर्षों की राजनीतिक, सामाजिक और विधायी यात्रा पर विस्तार से चर्चा हुई। सत्तापक्ष और विपक्ष—दोनों के विधायकों ने अपनी यादें, अनुभव और संसदीय परंपराओं से जुड़े किस्से साझा किए।

इस विशेष बैठक का मुख्य उद्देश्य था—छत्तीसगढ़ राज्य की 25 वर्षीय संसदीय यात्रा को याद करना और उस भवन को औपचारिक विदाई देना, जिसने राज्य के हर महत्वपूर्ण फैसले की नींव रखी।

विधानसभा अध्यक्ष की घोषणा—अब कार्यवाही नए भवन में

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने सदन को संबोधित करते हुए बताया कि आगामी शीतकालीन सत्र से सभी कार्यवाही नवा रायपुर स्थित नए विधानसभा भवन में होगी। उन्होंने कहा कि यह बदलाव केवल स्थान परिवर्तन नहीं, बल्कि एक नए युग की शुरुआत है।

इस मौके पर सभी मौजूदा विधायकों की एक समूह फोटो भी ली गई, जिसे विधानसभा की 25वीं वर्षगांठ का आधिकारिक दस्तावेज माना जाएगा।

सत्ता और विपक्ष, दोनों ने साझा किए अपने संसदीय अनुभव

सत्र की शुरुआत बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने की। उन्होंने छत्तीसगढ़ की अब तक की राजनीतिक यात्रा को याद करते हुए पुराने सदन में हुए बड़े फैसलों, तीखी बहसों और ऐतिहासिक क्षणों का उल्लेख किया। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल का भी जिक्र किया और कहा कि इस सदन ने राज्य की दिशा तय करने में निर्णायक भूमिका निभाई।

विपक्षी विधायकों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि यह भवन केवल बहस का केंद्र नहीं था, बल्कि लोकतंत्र की आत्मा को जीवित रखने वाला मंच रहा है।

25 साल की संसदीय यात्रा: संघर्ष, बहस और ऐतिहासिक फैसलों का साक्षी

1 नवंबर 2000 को राज्य गठन के बाद छत्तीसगढ़ विधानसभा की शुरुआत टेंट में हुई थी। इसके बाद यही पुराना भवन सदन का स्थायी केंद्र बना और बीते 25 वर्षों में—

सरकारें बदलीं,

विपक्ष ने तीखे तर्क दिए,

अविश्वास प्रस्ताव लाए गए,

और कई बार पूरी रात चलने वाली बहसें भी देखी गईं।

राज्य में अब तक 9 अविश्वास प्रस्ताव पेश हुए, जिनमें से 2017 की 19 घंटे लंबी बहस को आज भी सबसे ऐतिहासिक माना जाता है।

पांच विधानसभा चुनावों के फैसले यहीं हुए तैयार

पुराना भवन राज्य के सभी 5 विधानसभा चुनावों का साक्षी रहा— 2003, 2008, 2013, 2018 और 2023।
अजीत जोगी, डॉ. रमन सिंह, भूपेश बघेल, विष्णुदेव साय — इन सभी नेताओं के बड़े राजनीतिक निर्णय और राज्य की नीतियां इसी सदन में आकार लेती रहीं।

टेंट से स्मार्ट विधानसभा तक—छत्तीसगढ़ की संसदीय यात्रा

राज्य के गठन के शुरुआती दिनों में विधानसभा की कार्यवाही राजकुमार कॉलेज के जशपुर हॉल के टेंट में हुई थी। वहीं से शुरू हुई यात्रा आज नवा रायपुर के अत्याधुनिक व स्मार्ट विधानसभा भवन तक पहुंच चुकी है।

नया भवन—

51 एकड़ परिसर में बना,

324 करोड़ की लागत से तैयार,

पेपरलेस सिस्टम,

200 सदस्यों तक विस्तार क्षमता,

आधुनिक सुरक्षा व तकनीक से लैस है।

यह आने वाली पीढ़ियों के लिए लोकतंत्र का नया “ज्ञान मंदिर” बनने वाला है।