कुशीनगर, 17 फरवरी। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में बुधवार रात शादी समारोह के दौरान दुर्घटनावश कुएं में गिरने से महिलाओं और बच्चों समेत 13 लोगों की मौत हो गई. अधिकारियों के मुताबिक, शादी में महिलाएं और बच्चे एक पुराने कुएं पर बैठे थे.
यह एक स्लैब से ढका हुआ था. स्लैब ज्यादा वजन और उसके ऊपर बैठे लोग भी कुएं में जा गिरे. घटना के बाद लोगों को अस्पताल ले जाया गया, जहां 13 लोगों को मृत घोषित कर दिया गया. घटना में 10 लोगों को गंभीर चोटें आई हैं.
अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक इस घटना में कुल 13 लोगों की मौत हुई है। जिलाधिकारी ने बताया कि इस हादसे में करीब 10 अन्य लोग जख्मी भी हुए हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है, मृतकों के परिजन को चार-चार लाख रुपए की सहायता दी जाएगी. इस घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर दुख जताया है. पीएम मोदी ने ट्वीट किया, उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में हुआ हादसा हृदयविदारक है.
इसमें जिन लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है, उनके परिजनों के प्रति मैं अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं. इसके साथ ही घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं स्थानीय प्रशासन हर संभव मदद में जूता है अस्पताल से सामने आए दृश्यों में रिश्तेदार शादी के कपड़े में नजर आ रहे हैं और अपनों को खोने का शोक मना रहे हैं जिले के डीएम एस राज लिंगम ने मीडिया से कहा हमें सूचना मिली है कि दुर्घटना वश कुएं में गिरने से 11 लोगों की मौत हो गई और दो अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए यह एक शादी कार्यक्रम के दौरान हुआ । जहां कुछ लोग एक कुएं की स्लैब पर बैठे थे ज्यादा वजन होने के चलते स्लैब गिर गई।
मां समेत पांच को बचाया, छठे को बचाने की कोशिश में डूबी बेटी
कुशीनगर के नौरंगिया गांव में हुए कुआं हादसे में मरने वाली 13 महिलाओं में 21 साल की पूजा यादव भी शामिल है। बहादुर बिटिया अब नहीं रही, लेकिन रात के दर्दनाक हादसे के दौरान उसने जो हिम्मत दिखाई गई, उसकी चर्चा अब हर तरफ हो रही है। अंधेरे में हुए हादसे में डूबने वालों में पूजा के साथ उसकी मां भी थी। उसने पहले अपनी मां को बचाया। इसके बाद एक-एक कर 4 अन्य लोगों को भी बचाकर कुएं से बाहर भेजा।
छठे की जान बचाते वक्त वह खुद कुएं में डूब गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पूजा पर सभी को बचाने की धुन सवार थी। रोते-बिलखते लोग पूजा का हौसला याद कर उसका ही नाम ले रहे हैं। उन्होंने कहा, पूजा ने जब 5 लोगों को बचाया तो लोगों की आस जाग उठी। पूजा छठी जान बचा रही थी, तभी उसने अपना संतुलन खो दिया और खुद पानी में समा गई। पूजा ने पहले अपनी मां लीलावती यादव की जान बचाई। कुएं में लीलावती और पूजा एक ही साथ गिरे। इस दौरान कुएं के बाहर लोगों के पहुंचने पर पूजा ने लीलावती को धक्का देकर उनका हाथ पकड़ा और ऊपर कर दिया। इसी तरह पूजा की मदद से अनूप, उपेंद्र, लीलावती सहित पांच लोगों की जान बच सकी।