खैरागढ़: गातापार के लिमऊटोला में डायरिया का प्रकोप दो की मौत 30 से अधिक ग्रामीण बीमार…

खैरागढ़। गातापार जंगल इलाके के वनांचल ग्राम लिमऊटोला में पिछले पांच दिनों से डायरिया के प्रकोप के बाद भी राज्योत्सव में जुटे स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते दो लोगों की मौत हो गई है। जबकि 30 से अधिक ग्रामीण डायरिया के चलते विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं।

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मामले में सोमवार सुबह भी जिला मुख्यालय के सिविल अस्पताल में इलाजरत समारू गोड़ की डायरिया के इलाज के दौरान मौत हो गई। गातापार इलाके के जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों का आरोप है कि लगातार जानकारी दिए जाने के बाद भी स्वास्थ्य अमला राज्योत्सव की तैयारी में जुटे होने का हवाला देकर ना तो गांव में कैंप लगा रहा है, ना ही विशेषज्ञ चिकित्सकों का दल भेज पाना है।

लिमऊटोला में बढ़ते डायरिया के प्रकोप के चलते आज मंगलवार को होने वाले गातापार जंगल का साप्ताहिक बाजार भी संक्रमण रोकने स्थगित कर दिया गया है। दुकानों को भी बंद कराने कहा गया है। गांव में डायरिया की शुरूआत शुक्रवार से हुई है।

गांव की 70 वर्षीय महिला को उल्टी दस्त के चलते सिविल अस्पताल में इलाज के बाद राजनांदगांव रिफर किया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। गांव में उसके अंतिम संस्कार के बाद उसके शोक कार्यक्रम में आयोजित मृत्युभोज में लगभग पूरा गांव शामिल हुआ था।

भोज के बाद से गांव के लोगों को उल्टी दस्त की शिकायत शुरू होने की जानकारी है। पहले एक दो लोगों को डायरिया की शिकायत सामने आई लेकिन शनिवार से मामला लगातार बढ़ने लगा। शनिवार से सोमवार तक गांव के 30 से अधिक लोग डायरिया के चलते पांडादाह प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सिविल अस्पताल में भर्ती है।

सोमवार को भी सुबह तीन मरीजों की स्थिति बिगड़ने के बाद उन्हें सिविल अस्पताल लाया गया। जबकि दो गंभीर मरीजों का इलाज राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज और कुछ ग्रामीण व्यवस्था नहीं होने के चलते खैरागढ़ के निजी अस्पताल में अपना इलाज करा रहे हैं।

लिमऊटोला की साढ़े तीन सौ की जनसंख्या में आधे से ज्यादा लोगों को डायरिया से पीड़ित बताया गया है। गातापार में पदस्थ ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ता और मितानिनों के भरोसे गांव में डायरिया पीड़ित लोगों की जांच और इलाज जारी है।

सिविल अस्पताल में बीएमओ को तीन दिन से जानकारी दिए जाने के बाद भी कोई भी स्वास्थ्य टीम सोमवार तक गांव नहीं पहुंची। न कैंप लगाया, न पहुंचे चिकित्सक लिमऊटोला में तीन दिन से लगातार डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद भी स्वास्थ्य अमला मौके पर नहीं पहुंचा है।

आरएचओ और मितानिनें ग्रामीणों की जांच और इलाज कर रही है। शनिवार को पांडादाह स्वास्थ्य केन्द्र कीटीम गांव पहुंची थी। जिसके बाद पांडादाह प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सा अधिकारी डॉ. रितुराज सिंह ने इसकी जानकारी सिविल अस्पताल और जिला स्वास्थ्य विभाग को दी थी।

सोमवार को मामला बिगड़ने के बाद नींद से जागे स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी गांव पहुंचे, जिसमें सीएमएचओ डॉ. आशीष शर्मा, बीएमओ विवेक बिसेन सहित स्वास्थ्य दल शामिल था। ग्रामीणों के आक्रोश के बाद आंगनबाड़ी केन्द्र में ही इलाज के दौरान दो मरीजों को भर्तीव्यवस्था बनाकर इलाज शुरू कराया गया।

अधिकारियों ने गांव का भ्रमण कर लोगों से जानकारी लेते दवाई का वितरण किया। इस दौरान आंगनबाड़ी केन्द्र में चल रहे आरएचओ और मितानिनों द्वारा किए जा रहे इलाज और जांच की जानकारी ली। सोमवार को दूसरी मौत सिविल अस्पताल में रविवार को डायरिया की शिकायत के बाद इलाज के लिए लाए गए समारू गोड़ 35 वर्ष की मौत हो गई।

सोमवार को ही तीन नए मरीजों को भी इलाज के लिए भर्ती कराया गया। सिविल अस्पताल में सोमवार को कुल नौ डायरिया पीड़ित इलाज के लिए भर्ती थे। पांडादाह प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में दस बिस्तरों में 12 डायरिया पीड़ितों का इलाज किया जा रहा है। डायरिया पीड़ितों में 15 साल से लेकर 65 साल तक के ग्रामीण शामिल हैं।

गांव में लगातार मरीज बढ़ने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा बरती जा रही लापरवाही से ग्रामीणों में आक्रोश की स्थिति है। गातापार सरपंच मालती वर्मा के परिजन सहित 40 से अधिक लोग डायरिया पीड़ित होकर इलाज कराने अस्पतालों में भर्ती हैं।