दुर्ग 21 मई 2020- मनरेगा श्रमिकों का भुगतान अब मौके पर ही बैंक सखियों द्वारा किया जा रहा है। आसानी से भुगतान हो जाने से मनरेगा श्रमिकों के लिए काफी आसानी हो गई है। कोविड आपदा के इस दौर में मौके पर ही भुगतान हो जाने से ग्रामीणों को काफी राहत मिल रही है
मनरेगा श्रमिकों के लिए इस नई सुविधा की शुरूआत दुर्ग जिले में हो चुकी है। पाटन, धमधा, दुर्ग विकासखंड में बैंक सखी सवेरे-सवेरे कार्यस्थल पर पहुंचकर श्रमिकों के खाते में अंतरित मजदूरी राशि का नगद भुगतान कर रही हैं। वर्तमान कठिन परिस्थितियों में यह मजदूरों के लिए बेहद राहत भरा कदम है। कोविड-19 के चलते लागू लॉकडाउन के कारण परिवहन सेवाएं बंद हैं। ऐसे में दूरस्थ क्षेत्रों के लोगों के लिए बैंकों तक पहुंचना बहुत परेशानी भरा है। मनरेगा कार्यस्थल पर बैंक सखी की मौजूदगी ने इस मुश्किल को दूर कर दिया है।
दुर्ग जिले में अभी संचालित 789 मनरेगा कार्यों में 67 हजार 608 मजदूर काम कर रहे हैं।
जनपद पंचायत दुर्ग में 11 लाख 03 हजार, रू. राशि, जनपद पंचायत धमधा में 15 लाख 41 हजार रू. राशि, जनपद पंचायत पाटन में 83 लाख 86 हजार रू. राशि कुल 1 करोड 10 लाख 31 हजार राशि का मजदूरी भुगतान किया गया है।
मनरेगा कार्यस्थलों पर बैंक सखियों के माध्यम से भुगतान की सुविधा मजदूरों के लिए बहुत सुविधाजनक है। खासतौर से उन क्षेत्रों में जहां बैंकों की संख्या कम है और गांव से दूर बैंक तक बार-बार जाना समय और श्रमसाध्य होने के साथ खर्चीला भी है। लॉकडाउन के कारण परिवहन सेवाओं पर बंदिश से बैंकों तक पहुंचना अभी और भी मुश्किल है।
कार्यस्थल पर मजदूरी राशि के भुगतान से कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव में भी मदद मिल रही है। इससे वे बैंकों की भीड़ और लाइन में लगने की असुविधा से बच रहे हैं। बैंक पहुंचने पर कई बार लिंक फेल हो जाने या अत्यधिक भीड़ के कारण खाताधारकों का काम नहीं हो पाता और उन्हें दूसरे दिन दोबारा जाना पड़ता है। इस तरह की परेशानियों से भी उन्हें जूझना नहीं पड़ रहा। उल्लेखनीय है कि बैंक सखियों का रोस्टर बनाकर अलग-अलग कार्यस्थलों पर अलग-अलग दिन यह सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। जिला पंचायत सीईओ श्री कुंदन कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के बाद से दुर्ग जिले में मनरेगा श्रमिकों को कुल एक करोड़ रूपए का मजदूरी भुगतान किया जा चुका है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण इलाकों में काम कर रहीं बैंक सखी पेंशन, मनरेगा व प्रधानमंत्री आवास योजना की मजदूरी और किसान क्रेडिट कॉर्ड की राशि का भुगतान कर रही हैं। बुजुर्गों और दिव्यांगों के घर तक जाकर उनकी जरूरत की रकम मुहैया करा रही हैं। बैंक सखियों के माध्यम से बैंकिंग सेवाएं गांव और जरूरतमंदों के घर तक पहुंच रही हैं। इससे उन्हें छोटे-मोटे लेन-देन के लिए बार-बार बैंकों तक जाना नहीं पड़ रहा है। बैंक सखियों ने दुर्ग जिले में लॉकडाउन अवधि में 1 करोड 85 लाख रूपए का वित्तीय लेनदेन किया है।
काम खत्म होते ही कार्यस्थल पर ही पेमेंट कर रही बैंक सखियां,मनरेगा श्रमिकों को मिल रही राहत
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