राजनांदगांव : कलेक्टर ने जिले में फाईलेरिया रोग की रोकथाम एवं दवा वितरण के संबंध में दी जानकारी…

नीति आयोग भारत शासन द्वारा राष्ट्रीय फाईलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सामूहिक दवा सेवन अभियान के संबंध में वीसी के माध्यम से ली गई बैठक

Advertisements

– राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम 10 से 28 फरवरी तक

राजनांदगांव 31 जनवरी 2024। नीति आयोग भारत शासन द्वारा आज आकांक्षी जिला अंतर्गत राष्ट्रीय फाईलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सामूहिक दवा सेवन अभियान के संबंध में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक ली गई। कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल कलेक्टोरेट के एनआईसी कक्ष से वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से जुड़े।

 नीति आयोग स्वास्थ्य के सदस्य डॉ. विनोद कुमार पॉल ने कहा कि फाईलेरिया के उन्मूलन के लिए यह जरूरी है कि जनसामान्य को फाइलेरिया की दवा खाने के लिए जागरूक किया जाए। इसके लिए विभिन्न संस्थाओं के साथ समन्वय करते हुए स्वास्थ्य के दृष्टिगत फाइलेरिया (हाथीपांव) की दवा खिलाने के लिए कहा गया। 

कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने बताया कि जिले में फाईलेरिया रोग की रोकथाम एवं दवा वितरण के लिए टास्कफोर्स का गठन किया गया है। जिले में इसके लिए लगभग 1224 बूथ बनाएं गये हैं तथा सामुदायिक सहभागिता के साथ पंचायत प्रतिनिधियों को जोड़ते हुए फाईलेरिया की बीमारी के उन्मूलन के लिए समन्वित कार्य किए जाएंगे। 

उन्होंने बताया कि इसके लिए कार्य योजना बना ली गई है। उन्होंने बताया कि जिले में 10 से 28 फरवरी 2024 तक राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत स्वास्थ्य संस्थानों में एमडीए कार्नर में लाभार्थियों के लिए सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जाएगा। कार्यक्रम अंतर्गत 10 से 15 फरवरी 2024 तक संस्थाओं में बूथ लगाकर लाभार्थियों को दवा सेवन कराया जाएगा। 

16 से 24 फरवरी 2024 तक घर-घर भ्रमण कर ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर द्वारा समुदाय स्तर पर गृह भेंट कर दवा का सेवन कराया जाएगा। 26 से 28 फरवरी 2024 तक छूटे हुए लाभार्थियों को मॉप-अप राउंड अंतर्गत दवा का सेवन कराया जाएगा। इस दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एके बसोड, डीपीएम सुश्री भूमिका वर्मा, नीति आयोग फैलो सुश्री दिशा एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। 

उल्लेखनीय है कि फाईलेरिया (हाथीपांव) रोग संक्रमित मच्छरों के काटने से होता है। फाइलेरिया रोग होने के बाद इसका कोई इलाज नहीं है। बचाव ही इलाज है। शासन द्वारा फाईलेरिया रोग से बचाव के लिए नि:शुल्क फाईलेरिया की दवा दी जा रही है। जिसके सेवन से फाइलेरिया संबंधित शिकायत नहीं होगी। सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम के दौरान शत-प्रतिशत फाइलेरिया की दवा का सेवन कर हाथीपांव से बचा जा सकता है। 

फाइलेरिया की दवा खाली पेट नहीं खाना है। फाईलेरिया की दवा 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती माताओं एवं गंभीर बीमार व्यक्ति को छोड़कर सभी को खाना चाहिए एवं जिन्हेंं फाइलेरिया के लक्षण हो या ना हो, जिससे भविष्य में फाईलेरिया रोग से बचा जा सकता है एवं शहर में पनप रहे परजीवी का नाश हो सकें और सभी नागरिक फाईलेरिया के भय से निजात पा सकंे।