राजनांदगांव 9 जून 2021- राजनांदगांव में दुष्काल किस कदर लोगों को प्रभावित कर रहा है, इसकी दशा शहर के महावीर चौक स्थित फ्लाई ओवर ब्रिज में देखी जा सकती है।
कुदरत की मार झेल रहे ऐसे बहुत से लोगों ने राजनांदगांव शहर के पास फ्लाईओवर के नीचे आशियाना बना लिया है। बेसहारा जरूरतमंद लोग यहां रुके हुए हैं। यहीं चूल्हे में उनका खाना बनता है और यहीं दिनरात गुजरते हैं।
राजनांदगांव शहर के बीचों- बीच फ्लाई ओवर (ब्रिज) के नीचे विगत 5 – 10 वर्षो से करीब 15 से 20 परिवार निवासरत है, जिसमे कुछेक परिवारों को शहर के अलग- अलग स्थानों में निगम प्रशासन द्वारा बनाये गए अटल आवास में मकान भी दिलवाए गए है, लेकिन निगम प्रशासन इन परिवारों को व्यवस्थापन नही दे पाया।
ब्रिज के नीचे रह रहे कुछ लोगों को निराश्रित पेंशन पिछले 2 सालों से नही मिला है, जिसकी सुध लेने वाला कोई नही है। ब्रिज के नीचे रह रहे लोगों में वृद्ध पुरुष- महिलाओं के साथ छोटे- छोटे बच्चे भी रह रहे है। कुछ तो कुपोषित बच्चे ब्रिज के नीचे पल रहे है।
शासन-प्रशासन इस तरह के परिवारों के लिए कई योजनाएं निकालती है, लेकिन सम्बंधित विभाग में पदस्थ अधिकारी कर्मचारी इन बेसहारा जरूरतमंद परिवारों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। ये तमाम परिवार भीख मांगकर तो कोई कबाड़ी सामान बिनकर अपना जीवन यापन चला रहे है।
फ्लाईओवर के नीचे यहां इन्हें आशियाना तो मिल रहा है लेकिन जिस वजह से यह अपना घर छोड़कर आए हैं, उस समस्या का सामना इन्हें यहां भी करना पड़ रहा है। पीने के पानी तक के लिए इन्हें बहुत दूर तक जाना पड़ता है। भूख प्यास ने इन्हें भीख मांगने तक को मजबूर कर दिया है।
पुल के नीचे चूल्हा जलाकर बनाते हैं खाना–
यहां ठहरे हुए लोग खाने पीने का कुछ सामान लेकर आते हैं और फ्लाईओवर के नीचे ही चूल्हा जलाकर खाना बनाते हैं। काम न लगने पर लाया गया सामान कुछ दिन काम आता है। फिर मेहनत मजदूरी करने के बाद कुछ पैसे इकट्ठा होने पर सामान खरीद लाते हैं।
राजनांदगांव पत्रकार कमलेश सिमनकर की रिपोर्ट।