राजनांदगांव: बूढ़ासागर में फ़िल्टर प्लांट का निर्माण…

राजनांदगांव- बूढ़ासागर को स्वच्छ करने के नाम पर निगम प्रशासन हर साल करोड़ों रूपये फूंक रहा है फिर भी कोई नतीजा सामने नहीं आ रहा है। गत वर्ष गर्मी में सात करोड़ रूपये खर्च कर तालाब का गहरीकरण और पानी को साफ करने की कोशिश की गई, कोई फायदा नहीं होने पर अब फिर ढाई करोड़ की लागत से फिल्टर प्लांट स्थापित किया जा रहा है। लगातार अभियानों के बावजूद तालाब स्वच्छ नहीं होने पर उसकी कार्यशैली पर प्रश्र उठ रहे हैं।

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गौरतलब है कि गत वर्ष गर्मी में बूढासागर को साफ और गहरा करने के लिए मुहिम चलाई गयी थी, तब तालाब के 21 एकड़ की खुदाई की गई। गंदे पानी की निकासी करने के लिए पूरे तालाब को खाली कराया गया। कई जेसीबी मशीनें लगाकर दिन रात खुदाई कराई गई। सैकड़ों मजदूर लगाए गए। गंदगी और कीचड़ निकलने के कारण आसपास के क्षेत्रों में बदबू फैल गई थी जिससे लोगों का रहना मुश्किल हो गया था।

माह भर से ज्यादा समय तक यही स्थिति बनी रही। यही नहीं खुदाई के कारण पूरा क्षेत्र धूल-धूसरित हो गया उस समय निगम ने कहा कि तालाब का पानी लंबे समय के लिए साफ हो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बारिश आने पर गहरीकरण को आधा-अधूरा छोड़ दिया गया तालाब के किनारों की कटाई रोकने के लिए टो वाल का निर्माण किया गया। उसका भी एक हिस्सा अधूरा रह गया। लोगों को लगा कि तालाब के गंदे पानी से निजात मिलेगी और सौंदर्गीकरण को गति मिलेगी।

एक साल बाद ही तालाब का हाल जस- का-तस हो गया है, जिससे पूरे अभियान की पोल खुल गई है। यहाँ नहीं टो वाल का एक हिस्सा गिर गया जिससे घटिया निर्माण कार्य भी जगजाहिर हो गया। अब निगम फिर इसके गंदे पानी को साफ करने में जुट गया। गत वर्ष नीरो (राष्ट्रीय पर्यावरण एवं अभियांत्रिकी अनुसंधान संगठन)के वैज्ञानिक आए थे जिन्होंने बूढ़ासागर के पानी को काफी दूषित पाया था। उन्होंने पानी को स्वच्छ करने का सुझाव दिया था। उनके सुझाव पर अमल करते हुए निगम प्रशासन अब तालाब में जीई रोड वाले छोर पर ढाई करोड की लागत से फिल्टर प्लांट लगा रहा है। इस संयंत्र के लगने से बैलापसरा नाले के द्वारा प्रति दिन सैकड़ों लीटर गंदा पानी शुद्ध किया जा सकेगा।