रायगढ़ : मुख्यमंत्री सुपोषण योजना से बच्चों के चेहरे पर आ रही रौनक-कलेक्टर भीम सिंह…

रायगढ़- श्री भीम सिंह ने अपने कक्ष से मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के हितग्राही अहिल्या बरेठ एवं अंजलि टोप्पो से वीडियो कालिंग के माध्यम से बात की और उनका हालचाल जाना। कलेक्टर श्री सिंह ने हितग्राहियों से उनको मिलने वाले गरम भोजन के बारे में जानकारी ली। अंजलि ने बताया कि गरम भोजन मिलता है, साथ ही अण्डा भी मिलता है।

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अंजली ने कहा कि मेरी बेटी अवनी एक कुपोषित बच्ची थी, लेकिन मुख्यमंत्री सुपोषण योजना से अब उसके चेहरे पर रौनक आ गई है। पहले उसका वजन अक्टूबर 2020 में 7.5 किलो ग्राम था, जो बढ़कर अब 8.7 किलो ग्राम हो गया है।

कलेक्टर श्री भीम सिंह द्वारा योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए लगातार विभागीय समीक्षा कर आगे की रणनीति तैयार कर कार्य किया जा रहा है। कुपोषण मुक्ति के लिये रायगढ़ जिले में डीएमएफ से एक बड़ी राशि खर्च की जा रही है।

वहीं स्थानीय स्तर पर विभिन्न नवाचारी प्रयासों से कुपोषण मुक्त जिला की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। कोरोना संकट के बीच कुपोषित बच्चों को टिफिन से गरम भोजन घर पहुंचा कर देना, कुपोषण मुक्त पंचायत की अवधारणा जैसे प्रयासों के परिणाम अब जमीनी स्तर पर दिखने लगे हैं। बच्चे धीरे धीरे कुपोषण के अभिशाप से निकलते जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज कलेक्टर श्री सिंह ने हितग्राहियों से सीधे संवाद कर उनका फीडबैक लिया।

उल्लेखनीय है कि 06 वर्ष तक आयु वर्ग के बच्चों को कुपोषण एवं एनीमिया तथा 15 से 49 वर्ष आयु के महिलाओं को एनीमिया से मुक्त कराने के लिए पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री सुपोषण योजना संचालित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत जहां एक ओर स्वास्थ्य परीक्षण में कुपोषण और एनिमिया की मुफ्त जांच की जा रही है, वहीं दूसरी ओर भोजन में जरूरी पोषक तत्वों की कमी दूर करने के लिए परामर्श एवं इलाज के साथ आवश्यक दवाएं नि:शुल्क उपलब्ध करायी जा रही है। सुपोषण अभियान के तहत जिले को जल्द कुपोषण और एनिमिया से मुक्त करने की रणनीति सहित क्रियान्वयन की गति तेज कर दी गई है।

महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री टी.के.जाटवर ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल में भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका ने तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी प्रतिदिन गृह भेंट व परिवार को समझाइश प्रारंभ रखते हुए उनके खान-पान पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कार्यकर्ता द्वारा गृहभेंट कर पूरी जानकारी लेते हुए माता-पिता दोनों को जानकारी देते हुए रेडी-टू-इट के नियमित सेवन और घर पर ही बने भोजन को खिलाने के तरीके भी बताये जा रहे है।