हजारों किलोमीटर दूर से पहुंचे रेड क्रेस्टेड पोचार्ड पक्षी,यूरोपीय मेहमानों से गुलजार हुआ बस्तर का दलपत सागरहजारों किलोमीटर दूर से पहुंचे रेड क्रेस्टेड पोचार्ड पक्षी…

बस्तर के सबसे बड़े जलाशय के रूप में मशहूर दलपत सागर इन दिनों यूरोपीयन प्रवासी पक्षियों रेड क्रेस्टेड पोचार्ड से गुलजार नजर आ रहा है। बस्तर के इलाके में दो वर्षों के अंतराल के बाद रेड क्रेस्टेड पोचार्ड(Red Crested Pochard) पक्षी को भी देखा गया है। इस पक्षी को हिंदी भाषा में लाल चोंच व लाल सिर वाली बत्तख के नाम से भी जाना जाता है।

Advertisements

बस्तर के सबसे बड़े जलाशय के रूप में मशहूर दलपत सागर इन दिनों यूरोपीयन प्रवासी पक्षियों रेड क्रेस्टेड पोचार्ड(Red Crested Pochard) से गुलजार नजर आ रहा है। यह एक प्रवासी पक्षी है जो सर्दियों में भारत के दक्षिणी इलाकों में पहुंचते हैं। मिलनसार होने के कारण यह प्रवासी पक्षी अन्य बत्तखों के साथ मिलकर रहते है। इस पक्षी का प्रजनन काल भारत में सर्दियों के खत्म होने पर होता है। यही वजह है कि यह पक्षी अपने प्रजनन काल मे वापस चले जाते है। इनका प्रजनन दक्षिण यूरोप व मध्य एशिया के देशों में होता है।

देश देशांतर भ्रमण करने वाले ये पक्षी (Red Crested Pochard)हिमालय के उस पार उत्तरी अफ्रीका से लेकर यूरोप, मध्य एशिया तक फैला हुआ है। सर्दीयों में प्राय: भारत के दक्षिणी हिस्सो में देखा जाता है।


प्राणी विज्ञान के प्रोफेसर सुशील दत्ता ने बताया कि नर व मादा एक दूसरे से रंग व आकार में भिन्न होते हैं। नर का सिर नारंगी रंग का होता है। चोंच छोटी व लाल रंग की होती है व छाती गहरे काले रंग की होती है। मादा पक्षी आकार में थोड़ी छोटी व इसका रंग हल्का पीला भूरा होता है। शरीर का ऊपरी हिस्सा व सिर गहरे रंग के तथा चेहरा सफेद रंग का होता है। रंग के इसी पैटर्न के कारण नर पक्षी (Red Crested Pochard)दूर से ही दिखाई देता है।