राजनंादगांव 21 जून। भाजपा पार्षद एवं उनके पदाधिकारियों द्वारा आज प्रधानमंत्री आवास के प्रकरण के आड में नगर निगम आयुक्त के विरूद्ध गंदी टिप्पणी करना भाजपा की ओछी मानसिकता का परिचय है। इस संबध्ंा में महापौर हेमा देशमुख ने कहा कि भाजपा के पार्षद व पदाधिकारियों द्वारा आज प्रधानमंत्री आवास के प्रकरण के संबंध में निगम परिसर मंे आकर निगम आयुक्त के विरूद्ध गंदी टिप्पणी कर नारे बाजी की गयी, जो कि निंदनीय है।
क्योकि एक प्रशासनिक अधिकारी से बात करने के पहले उनके खिलाफ टिप्पणी करना न्याय संगत नहीं है और इस प्रकार का कृत्य भाजपाईयों की ही हो सकती है। पन्द्रह वर्ष सत्ता में रहने के बाद इस प्रकार का कार्य करना इनकी बौखलाहट को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि निगम के संबंधित कार्य के लिये पार्षदों के अलावा भाजपा पदाधिकारियों का निगम आकर इस प्रकार से कार्य करना नेता प्रतिपक्ष श्री किशुन यदु के कार्य प्रणाली पर भी सवालिया निशान है, क्योंकि इस कार्य के लिये नेता प्रतिपक्ष अपने पार्षदों के साथ आकर आयुक्त से चर्चा कर सकते है। जोकि इस प्रकार से पार्टी पदाधिकारियोें के साथ आकर आंदोलन करना उनकी छोटी मानसिकता का परिचय है।
महापौर देशमुख ने कहा कि विपक्ष मंे आते ही सिर्फ विरोध करना इनकी फिदरत बन गयी है। इस कोरोना काल के विषम परिस्थिति में बिना मास्क लगाये भीड के रूप में आकर इस प्रकार को बयानबाजी करना समझ से परे है। जो लोग मास्क लगाने, सोसल डिस्टेंसिंग का पालन करने का पाठ पढाने वाले बिना मास्क लगाये भीड में आकर अनर्गल बयान बाजी कर भाजपा अपनी पहचान बता रही है। किसी अधिकारी का अपमान करना भाजपा के संस्कार हो सकते है। उन्होंने कहा कि कोरोना की इस भीषण परिस्थिति में मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल जी ने प्रदेश में विकास के लिये करोडो रूपये की राशि दिये, राजनांदगांव नगर निगम में भी उनके द्वारा एक माह में 10 करोड रूपये की राशि दी गयी। जिससे विपक्षी बौखला गये है और इस प्रकार की हरकत कर रहे है।
महापौर श्रीमती देशमुख ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति केन्द्र शासन द्वारा दी गयी है और इसके लिये पी.डी.एम.सी. की नियुक्ति भी केन्द्र द्वारा की गयी है। हितग्राहियों के मकान बनाने के आधार पर उनको राशि दी जाती है, चुकि कोरोना काल में लॉकडाउन के कारण हितग्राहियों द्वारा समय पर मकान नहीं बनाया गया, जिसके कारण भुगतान नहीं हो पाया।
हितग्राहियोे के प्रगति रिपोर्ट देने पर भुगतान की जाती है। इसके अलावा कोरोना काल का हवाला देकर केन्द्र शासन द्वारा भी राशि उपलब्ध नहीं कराई गयी। इन सब बातो को जानते हुये भी भाजपाईयों का इस प्रकार का कृत्य उनकी कुंठित मांसिकता का परिचय है। इनके इस प्रकार के कृत्य का जितनी भी निंदा की जाये कम है।