- मेगा लीगल सर्विस कैम्प के माध्यम से 25 हजार 980 हितग्राही लाभान्वित
- 3 करोड़ 65 लाख 50 हजार रूपए की सहायता राशि हितग्राहियों को वितरित
- जिले में मेगा लीगल सर्विस कैम्प का सफल आयोजन
राजनांदगांव – राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत अखिल भारतीय जागरूकता एवं आऊटरीज अभियान के तहत मेगा लीगल सर्विस कैम्प का आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जिला प्रशासन द्वारा कलेक्टोरेट में किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधिपति श्री अरूप कुमार गोस्वामी एवं अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण न्यायमूर्ति श्री गौतम भादुड़ी ने बिलासपुर से वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से किया। कार्यक्रम में वीडियो कान्फ्रेसिंग से सभी जिले जुड़े रहे।
कार्यक्रम के दौरान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री विनय कुमार कश्यप एवं कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा द्वारा हितग्राहियों को शासन की लोककल्याणकारी योजना अंतर्गत मनरेगा जॉब कार्ड, पोषक आहार किट, श्रवण यंत्र, क्षतिपूर्ति राशि के चेक, ट्रायसायकल, दिव्यांगजन को मेडिकल प्रमाण-पत्र का वितरण किया गया। एवं सहायता वितरण किया गया। मेगा लीगल सर्विस कैम्प के माध्यम से कुल 25 हजार 980 हितग्राही लाभान्वित हुए। जिन्हें कुल 3 करोड़ 65 लाख 50 हजार रूपए की सहायता राशि वितरित की गई। इस अवसर पर प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती सत्यभामा अजय दुबे, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री देवाशीष ठाकुर उपस्थित थे।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री विनय कुमार कश्यप ने अपने उद्बोधन में कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का एकमात्र उद्देश्य है कि न्याय सबके लिए है। इस भावना से सबको कार्य करना है। यह भावना सिर्फ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की नहीं, बल्कि यह संविधान की भावना है। उन्होंने कहा कि संविधान देश की आत्मा है। जहां संविधान मजबूत है, वहां देश मजबूत होता है। संविधान मजबूत तभी बनता है, जब संविधान में कर्तव्य का सभी पालन करें और अधिकारों का ईमानदारी से उपयोग करें। अपने अधिकार के साथ-साथ दूसरों के अधिकारों को भी महत्व दें। उन्होंने कहा कि राजनांदगांव जिले में न्यायिक प्रशासन, जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन का आपसी समन्वय रहा है।
गंभीर कोविड-19 की परिस्थिति में जिला प्रशासन ने अच्छा कार्य किया है और हम सुरक्षित महौल में यहां उपस्थित हैं। उन्होंने कहा कि मेगा लीगल सर्विस कैम्प का आयोजन प्रतिवर्ष सभी के समन्वय के साथ किया जाता है। शासन द्वारा हितग्राहियों के लाभ के लिए विभिन्न योजना बनाई गई हैं। इसका अधिक से अधिक लाभ नागरिकों तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, श्रम विभाग तथा अन्य विभागों द्वारा अच्छा कार्य करते हुए जिले से मानव तस्करी को समाप्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा ऐसी योजना बनाई गई हैं, जिससे लोगों को आर्थिक लाभ मिलता है। इन योजनाओं से लाभान्वित होने के लिए नागरिकों को जागरूक होना चाहिए, जिससे उनको लाभ मिल सकें। उन्होंने कहा कि सभी विभागों के आपसी समन्वय से एकजुट होकर क्षेत्र की जनता को उनके अधिकार दिलाएंगे और अपनी जिम्मेदारी पूरी करेंगे।
कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा ने कहा कि किसी भी न्याय, कानून, संस्था, न्यायालय का मुख्य उद्देश्य समाज के अंतिम छोर के व्यक्ति तक न्याय तथा शासकीय योजनाओं का लाभ पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि संविधान की प्रस्तावना तथा उद्देशिका में लिखा है कि हर व्यक्ति को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता और व्यक्ति की गरिमा सुनिश्चित करने का दायित्व न्यायिक एवं जिला प्रशासन का है। जिसके लिए नालसा की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि ऐसे नागरिक जो आर्थिक रूप से कमजोर होते है, उन्हें न्याय के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसलिए नालसा द्वारा विधिक सेवा प्राधिकरण की स्थापना की गई है।
अंतिम एवं कमजोर नागरिकों तक न्याय और शासन की योजनाएं पहुंचाना नालसा का उद्देश्य है। बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने संविधान लागू होने से पहले कहा था कि हमारा संविधान विश्व का सबसे विस्तृत और अच्छा संविधान है। लेकिन इस संविधान का महत्व तभी है, जब समाज के अंतिम छोर के व्यक्ति को लाभ दिला सकें। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग जो न्याय से वंचित रह जाते हैं और किसी कारणवश न्यायालय तक नहीं पहुंच पाते हैं। उन तक भी न्यायालय घर तक पहुंचकर न्याय दिला रहे हैं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से जिले के कोने-कोने तक शासकीय योजनाओं का लाभ पहुंचाने के साथ-साथ न्याय पहुंचाने में भी मदद मिलेगी। शासन एवं न्यायालय का अंतिम उद्देश्य समाज के सभी वर्गों को निष्पक्ष न्याय दिलाना है। उन्होंने कहा कि न्याय व कानून के सामने सभी बराबर है, इसी के अनुरूप न्याय होता है।
प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती सत्यभामा अजय दुबे ने बालकों के अधिकारों के बारे में जानकारी दी। जिला स्तरीय अधिकारियों ने अपने विभाग के योजनाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री देवाशीष ठाकुर ने आभार व्यक्त किया। इस दौरान कलेक्टोरेट परिसर में विभिन्न विभागों द्वारा स्टॉल लगाकर हितग्राहियों को योजनाओं की जानकारी दी गई। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ श्री लोकश चंद्राकर, अपर कलेक्टर श्री सीएल मारकण्डेय, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती प्रज्ञा मेश्राम, एसडीएम राजनांदगांव श्री अरूण कुमार वर्मा सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।