VISION TIMES: मानवता शर्मसार, यूपी की परंपरा का हवाला देकर आठ महीने की बच्ची का शव नाना ने शिवनाथ नदी में बहाया…

दुर्ग /भिलाई- दुर्ग जिले में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। यहां आठ माह की दुधमुंही बच्ची की मौत के बाद उसके नाना ने ही शव को अंतिम संस्कार करने की बजाय शिवनाथ नदी (Shivnath River) में बहा दिया।

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मंगलवार को बच्ची का शव शिवनाथ नदी में गुरुद्वारा घाट के पास मिला था। जिसके बाद पुलिस ने छानबीन शुरू की तो परिजनों की शर्मनाक हरकत सामने आई। मृत बच्ची के हाथ में एक निजी अस्पताल (Private Hospital Bhilai) का टैग लगा हुआ था।

पुलिस को परिजनों की तलाश के लिए मशक्कत नहीं करना पड़ी। पत्रिका में शव मिलने की प्रकाशित खबर पढ़कर बुधवार को सुबह बच्ची के परिजन खुद थाना पहुंच गए। पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया।

यूपी की परंपरा का हवाला देकर दुर्ग में बहाया शव पुलिस को उन्होंने बताया कि वे उत्तरप्रदेश के रहने वाले हैं। वहां गंगाजी में शव बहाने की प्रथा है। शिवनाथ नदी को गंगाजी (Ganga River) की तरह समझ कर शव बहा दिया था। बच्ची को दूध पिलाते समय सांस लेने में तकलीफ हुई तो एक निजी अस्पताल में दाखिल कराया था। उपचार को दौरान उसकी मौत हो गई। अक्सर उत्तर प्रदेश भदोही में शव को गंगाजी में बहाते है। इसी वजह से उसका अंतिम संस्कार कर शिवनाथ नहीं में बहा दिया था।

पुलगांव टीआई उत्तर वर्मा ने बताया कि सेक्टर-2 निवासी रविन्द्र दुबे ने अपनी बेटी प्रियंका दुबे (23 वर्ष) की शादी उत्तर प्रदेश के भदोही में किया है। पति मुंबई में एमआर है। 17 मई को सुबह प्रियंका अपनी आठ माह की बच्ची गौरी के साथ मायके सेक्टर-2 आई थी। रात करीब 10 बजे मासूम को स्तनपान करा रही थी। उसी समय बच्ची की सांस में तकलीफ हुई। तत्काल उसे नेहरु नगर पल्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां करीब 1 घंटे तक उपचार चला। इस बीच बच्ची ने दम तोड़ दिया।

गंगा जी में अक्सर बहाते है शव, इस लिए शिवनाथ में बहा दिया टीआई ने बताया कि रविंद्र दुबे से पूछताछ की गई। उन्होंने बताया कि 10 बजे रात को पल्स हॉस्पिटल में भर्ती किया था। एक घंटे बाद उपचार के बीच बच्ची ने दमतोड़ दिया। उन्होंने बताया कि भदोही में शव को अक्सर गंगाजी में बहा देते है। इसलिए रात करीब 2 बजे शिवनाथ नदी ले गए। जहां उसका अंतिम संस्कार की क्रियाकर्म पूरी किया। इसके बाद शव नदी में ही बहा दिया।

क्रिटकल कंडिशन थी, बचाने का प्रयास किया लेकिन उसकी सांसे रुक गई पल्स हॉस्पिटल के डायरेक्टर चाइल्ड विशेषज्ञ डॉ. नितेश दुआ ने बताया कि सोमवार रात में इमरजेंसी में बच्ची के पैरेट्स लेकर आए थे। उन्होंने बताया कि फिडिंग कराते समय दूध फंस गया था। उसकी सांसे उखड़ी हुई थी। इमरजेंसी में उपचार शुरु किया। भर्ती करने की नौबत ही नहीं आई। उसके पहले उसकी बच्ची की सांसे थम गई। जिसके बाद बच्ची का शव परिजनों को सौंप दिया गया था।